संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर वोट करें युवा : राष्ट्रपति

संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर वोट करें युवा : राष्ट्रपति

संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर वोट करें युवा : राष्ट्रपति ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मौका और राष्ट्रपति का आह्वान। निश्चित रूप मे मायने रखता है तब, जब लोकसभा चुनाव-2014 में 1.27 करोड़ नए मतदाता लोकतंत्र के इस महान पर्व में शिरकत करने वाले हों। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस 1.27 करोड़ नए युवा मतदाताओं का आह्वान किया है कि वे सूचित ढंग से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें और ‘संकीर्ण विचारों’ से अलग हटकर गौर करें।

मुखर्जी ने कहा, ‘इस अधिकार का इस्तेमाल करें और इसका जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करें। मैं उम्मीद करता हूं कि आप इस अवसर का उपयोग करेंगे और हर बार संकीर्ण विचारों से अलग जाकर सूचित और नैतिक रूप से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।’ उन्होंने चौथे राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश के 81 करोड़ मतदाताओं से आग्रह किया कि वे हर चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल गर्व के साथ करें।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह आपका मौलिक अधिकार है, कृपया इसका पूरी भागीदारी के साथ इस्तेमाल करें। भारत में निर्वाचन प्रक्रिया और लोकतंत्र मजबूती और व्यापकता के साथ विकास करना जारी रखेगा।’ उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने आतंकवादियों और नक्सली संगठनों की धमकी एवं बहिष्कार के बावजूद ‘अपरिहार्य’ तरीके से मतदान में हिस्सा लिया है।

मुखर्जी ने कहा कि कई देशों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत के साथ आजादी पाई तथा उन्होंने लोकतंत्र एवं संसदीय प्रणाली अपनाई। उनमें से कुछ ही इस व्यवस्था को कायम रख सके। उन्होंने कई देशों का उल्लेख किया जो तानाशाही में तब्दील हो गए अथवा वहां सेना का शासन हो गया। राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी सहित कई समस्याओं के बावजूद भारत अपने लोकतंत्र को मजबूत करने में सक्षम हुआ है। मुखर्जी ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारी वाले चुनावों के कारण हमारा लोकतंत्र कई मायनों में दुनिया में सबसे जीवंत बन गया है।

इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस सम्पत ने कॉरपोरेट जगत का आह्वान किया कि वह मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने में योगदान दे। संपत ने कहा कि चुनाव आयोग चुनावी प्रक्रिया में लोगों की अधिक भागीदारी बढ़ाने के लिए भविष्य में अधिक तालमेल की आशा करता है तथा सहभागितापूर्ण चुनाव की प्रकिया एक राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों का आह्वान किया कि वह 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव कराने की चुनौती के लिए तैयारी करें। यह पूरे विश्व में किसी भी चुनाव प्रबंधन संस्था द्वारा संभाले जाने वाला सबसे बड़ा कार्य होगा जिसमें 81 करोड़ मतदाता नौ लाख मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस चुनाव में कई लाख चुनाव कर्मी शामिल होंगे। सम्पत ने कहा कि हाल में निर्वाचन सूची की समीक्षा के दौरान 3.90 करोड़ नए मतदाताओं को जोड़ा गया है जिसमें से 1.27 करोड़ मतदाता 18-19 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Saturday, January 25, 2014, 23:21

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