Last Updated: Tuesday, February 11, 2014, 11:16
नई दिल्ली : पहले की संभावनाओं के विपरीत अब तेलंगाना विधेयक को राज्यसभा की बजाय पहले लोकसभा में पेश किया जाएगा क्योंकि राज्यसभा सचिवालय द्वारा इसे धन विधेयक बताये जाने के बाद सरकार ने इस पर राज्यसभा से ताजा अनुमति मांगी है।
सूत्रों ने कहा कि यह कदम तब आया है कि जब विधेयक को पहले राज्यसभा में पेश किये जाने की संवैधानिकता पर सवाल खड़े किये गए थे। राज्यसभा सचिवालय का विचार है कि चूंकि प्रस्तावित कानून में संचित निधि में से धनराशि का विनियोग शामिल है, यह संविधान में दिये परिभाषा के अनुसार धन विधेयक है और इसलिए इसे पहले लोकसभा में पेश किया जाना चाहिए।
संविधान के अनुच्छेद 117-1 के तहत किसी धन विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सकता। राज्यसभा सचिवालय ने भी इस बारे में कानून मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा था कि यह धन विधेयक है या नहीं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को राज्यसभा में पेश करने की योजना की समीक्षा की गई है और विधेयक को लोकसभा में पेश करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से ताजा अनुमति मांगी गई है।
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इसे पहले लोकसभा में पेश किया जायेगा और इसके लिए राष्ट्रपति की अनुमति मांगी गई है। राष्ट्रपति ने कल विधेयक को मंजूरी देते हुए आंध्रप्रदेश के बंटवारे को हरी झंडी दिखा दिया। इस विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी प्रदान कर दी थी। जबकि प्रदेश विधानसभा ने इसे खारिज कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 11, 2014, 11:16