Last Updated: Saturday, February 1, 2014, 22:51
नई दिल्ली : हरियाणा कैडर के 2002 बैच के आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के प्रति हरियाणा सरकार की विपरीत टिप्पणी और ग्रेडिंग को दरकिनार करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने समीक्षा प्राधिकार द्वारा दी गयी ग्रेडिंग को बहाल कर दिया है।
31 जनवरी को दिए आदेश में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2011-12 के लिए समीक्षा प्राधिकार की ग्रेडिंग (साढ़े आठ अंक) को अंतिम ग्रेडिंग समझा जाए और विपरीत टिप्पणी एवं ग्रेडिंग सहित मंजूरी करने वाले प्राधिकार द्वारा दर्ज सभी प्रविष्टियों को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह खारिज किया जाता है।’ अखिल भारतीय सेवा 2007 नियम निर्देश के मुताबिक 8 से 10 के बीच ग्रेडिंग को शानदार माना जाता है जबकि चार से नीचे की ग्रेडिंग को शून्य माना जाता है।
वित्त वर्ष 2010-11 में रिपोर्टिंग प्राधिकार ने उन्हें 10 में से 9 अंक दिए थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने इसे कम कर 3.5 कर दिया था और अधिकारी के खिलाफ कई विपरीत टिप्पणियां की थीं। चतुर्वेदी को भंडाफोड़ करने वाला अधिकारी माना जाता है।
इसी तरीके से 2011-12 में अधिकारी को 8.5 से कम कर शून्य श्रेणी में डाल दिया गया। अधिकारी के पिछले छह वर्षों के कॅरियर में चौथी बार राष्ट्रपति की तरफ से हस्तक्षेप है। पहला हस्तक्षेप जनवरी 2008 में हुआ जब राष्ट्रपति ने हरियाणा सरकार द्वारा निलंबन को खत्म कर दिया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 1, 2014, 22:51