BIMSTEC सम्मेलन के लिए PM आज जाएंगे म्यामां

BIMSTEC सम्मेलन के लिए PM आज जाएंगे म्यामां

BIMSTEC सम्मेलन के लिए PM आज जाएंगे म्यामांनई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बीआईएमएसटीईसी सम्मेलन में भाग लेने के उद्देश्य से सोमवार को म्यामां रवाना होंगे। समझा जाता है कि इस सम्मेलन में सिंह भारत की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति (लुक ईस्ट पॉलिसी) को प्रोत्साहन देने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे और सभी उत्तर पूर्वी देशों के लिए संपर्क, परिवहन, व्यापार, पर्यटन तथा अन्य जुड़ाव को आगे बढ़ाने के उपाय तलाशेंगे। हो सकता है कि प्रधानमंत्री के तौर पर सिंह के कार्यकाल में यह उनका आखिरी आधिकारिक विदेश दौरा हो।

समझा जाता है कि दो दिवसीय इस दौरे में वह सात सदस्यीय ‘बे ऑफ बेंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन’ (बीआईएमएसटीईसी) के नेताओं के साथ अपने संबंधों को नया रूप देंगे। बीआईएमएसटीईसी सम्मेलन चार मार्च को म्यामां की राजधानी नायपिताव में होगा।

भारत की 1990 के दशक की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति का अनुसरण करते हुए बीआईएमएसटीईसी थाईलैंड की ‘दक्षिण की ओर देखो’ नीति का भी अनुसरण करता है। विश्व आबादी का 20 फीसदी से अधिक भाग बीआईएमएसटीईसी के सात सदस्यों.. भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यामां, भूटान और नेपाल का है। यह संख्या करीब 1.5 अरब है।

विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा कि उत्तर पूर्वी देशों के आपसी संपर्क के लाभ के संदर्भ में बीआईएमएसईईसी की क्षमता को कमतर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा ‘यह सुनिश्चित करना हमारे हित में है कि हमारे उत्तर पूर्वी देश विकास की राह में पीछे न रहें। जब संपर्क बने, सड़कों तथा अन्य चीजो को जोड़ा जाए तो हम बहुत तेजी से नहीं, तो कम से कम समानांतर विकास कर सकें और क्षमता का दोहन कर सकें।’ कुछ मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं और यही वजह है कि मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने में बीआईएमएसईईसी को कुछ समय लग सकता है।

सिंह ने कहा, ‘एफटीए संबंधी वार्ताओं की प्रक्रिया में समय लग रहा है। बीआईएमएसईईसी की बातचीत खास तौर पर जटिल है क्योंकि इसमें वह देश पहले ही शामिल हैं जहां साफ्टा (एसएएफटीए) प्रकिया के तहत एफटीए है। फिर आपके पास वह देश भी हैं जो आसियान (एएसईएएन) में आते हैं। इस सभी बातों को देखते हुए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत के लिए और उनके लिए भी बेहतर होगा। इसलिए इसमें समय लग रहा है।’ बीआईएमएसईईसी फ्री ट्रेड एरिया के लिए एक रूपरेखा करार पर फरवरी 2004 में थाइलैंड के फुकेट में हस्ताक्षर हुए थे। इस करार के तहत सभी पक्ष सामान, सेवाओं और निवेश में एफटीए पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस सम्मेलन के दौरान, भारत में ‘बीआईएमएसईईसी सेंटर ऑन वेदर एंड क्लाइमेट’ तथा भूटान में ‘कल्चरल इंडस्ट्रीज ऑब्जर्वेटरी’ की स्थापना के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। साथ ही ढाका में एक स्थायी सचिवालय की स्थापना के लिए भी समझौता किया जा सकता है। इसके लिए भारत ने इसके सालाना व्यय की 32 फीसदी राशि का योगदान देने की बात कही है। विदेश सचिव ने कहा, ‘बीआईएमएसईईसी में हमारे हित महत्वपूर्ण हैं और ये संगठन के परिपक्व होने के साथ साथ और मजबूत होंगे।’

इस सम्मेलन के बाद मंत्री स्तरीय बैठक होगी जिसमें विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना तथा अन्य नेताओ के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी। राजपक्षे के साथ सिंह की मुलाकात चोगम की बैठक के तीन माह बाद होगी। सिंह ने तमिल दलों के और सरकार के भीतर से पड़ रहे दबाव के कारण ‘राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक’ (चोगम) में भाग नहीं लिया था। बैठक कोलंबो में हुई थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 2, 2014, 15:41

comments powered by Disqus