Last Updated: Saturday, October 19, 2013, 16:39

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कल रूस और चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। इन यात्राओं के दौरान रूस के साथ असैन्य परमाणु दायित्व से उठे मुद्दों का समाधान करने का प्रयास होगा जो रूस से कुडनकुलम परियोजना के लिए दो नए रिएक्टर पाने में बाधा पैदा कर रहा है।
इस यात्रा में चीन के साथ सीमा पर दोनों ओर की सेनाओं के आमने-सामने आ जाने की अक्सर उत्पन्न होने वाली स्थितियों से बचने का भी हल खोजा जाएगा। रूस और चीन दोनों के साथ उक्त मुद्दों पर किसी समझौते तक पंहुचने की उम्मीद कर रहे अधिकारियों ने कहा कि वे आपसी स्वीकार्य हल तक पंहुचने के लिए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री की मास्को और बीजिंग यात्रा के दौरान इन दोनों मुद्दों पर करार पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
सिंह सोमवार को मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन के साथ 14 वीं वाषिर्क शिखर बैठक में मिलेंगे। उनकी मास्को में यह ऐसी पांचवी बैठक होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत के परमाणु कानून की परमाणु दायित्व धारा पर रूस की चिंताओं को दूर करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें दुर्घटना की स्थिति में संभावित नुकसान पर बीमा लेने के मानकों की रूपरेखा तैयार की गई है।
इनमें स्पष्ट किया गया है कि उपकरणों के विदेशी और भारतीय दोनों आपूर्तिकर्ताओं पर दायित्व की मात्रा असीमित नहीं होगी। रूस कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना की प्रस्तावित 3 और 4 इकाइयों पर परमाणु दायित्व धारा लागू किए जाने का विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि इस मूल परियोजना को अंतर-सरकार समझौते के तहत सोचा गया था।
सूत्रों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना की प्रस्तावित 3 और 4 इकाइयों के लिए समझौता हो जाएगा। दोनों देशों के बीच दशकों पुराने रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्रगाढ़ संबंधों को देखते हुए भी प्रधानमंत्री की रूस यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है।
भारत रूस के साथ हाइड्रो कार्बन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत भारत ओएनजीसी की समुद्र पारीय संस्था ओवीएल के जरिए रूस के सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र में गैस एवं तेल की खोज के अवसरों का विस्तार चाहता है। ओवीएल रूस में ऐसी दो परियोजनाओं में पहले ही भागीदारी कर रहा है।
पुतिन से वार्ता के बाद प्रधानमंत्री को मास्को स्टेट इंस्टीटयूट आफ इंटरनेशनल रिलेशंस (एमजीआईएमओ) की ओर से मानद डाक्टरेट से सम्मानित किया जाएगा। वार्ता संपन्न होने पर दोनों देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी होगा। शिखर स्तरीय वार्ता के इतर नव गठित सीईओ काउंसिल की एक बैठक भी होगी।
मास्को ने 22 अक्तूबर को प्रधानमंत्री बीजिंग रवाना होंगे। वह वहां 23 अक्तूबर को चीन के अपने समकक्ष ली केछियांग से छह महीने में दूसरी बार मिलेंगे। सिंह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगे, जो उनके सम्मान में रात्रि भोज दे रहे हैं। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चीन के राष्ट्रपति की ओर से भोज का आयोजन किए जाने के बाद सिंह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री है जिन्हें चीन के राष्ट्रपति ऐसा सम्मान दे रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 19, 2013, 16:39