Last Updated: Tuesday, January 7, 2014, 20:44

नई दिल्ली : प्रियंका गांधी ने मंगलवार को राजनीतिक हलकों में उस वक्त खासी चर्चा पैदा कर दी जब उन्होंने यहां अपने भाई राहुल गांधी के निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया । यह सब एआईसीसी के 17 जनवरी के सम्मेलन से पहले हुआ है जिस सम्मेलन में राहुल गांधी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है ।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी, मधुसूदन मिस्त्री, अजय माकन और पार्टी के विचारक मोहन गोपाल उपस्थित थे । यह स्पष्ट नहीं है कि क्या राहुल गांधी उस बैठक में मौजूद थे या नहीं । पार्टी सूत्र आधिकारिक रूप से इस बारे में बताने के लिए तैयार नहीं हैं ।
कांग्रेस ने राहुल गांधी के निवास पर पार्टी नेताओं की बैठक में प्रियंका गांधी की मौजूदगी को कोई तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रही हैं और उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में आश्चर्य की क्या बात है।’ महीनों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या प्रियंका पूर्णकालिक राजनीति में प्रवेश कर सकती हैं । अभी तक उन्होंने अपने को अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट रायबरेली में प्रचार तक ही सीमित रखा है ।
अगले सप्ताह 42 साल की होने वाली प्रियंका की रायबरेली निवराचन क्षेत्र की देखरेख में भूमिका रही है और उन्होंने चुनाव के दौरान अपने भाई के चुनाव प्रचार के लिए अमेठी की यात्रा की हैं ।
एक वरिष्ठ नेता ने इस बात को ख्याली अटकलबाजी करार देते हुए खारिज किया कि प्रियंका को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है और राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है । हालांकि अटकलें बनी हुई हैं कि क्या प्रियंका राजनीति में उतरने की तैयारी कर रही हैं । मंगलवार की बैठक में उनकी उपस्थिति से अटकलों को बल मिला है ।
इससे पहले दिन में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न न जाहिर करने की शर्त पर कहा था कि बैठक राहुल गांधी ने बुलाई थी जो करीब 50 मिनट चली और प्रियंका बैठक के अंत में सिर्फ पांच मिनट वहां रहीं ।
इस बैठक में प्रियंका की उपस्थिति को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चायें शुरू होने के बीच पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘प्रियंका गांधी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवार की सदस्य हैं । हो सकता है वह सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेती नहीं दिखती हों लेकिन वह लंबे समय से कांग्रेस की सक्रिय सदस्य हैं । वह अमेठी और रायबरेली में चुनावी कायो’ की देखरेख करती रही हैं और वह अभी भी यह काम कर रही हैं।’
द्विवेदी ने कहा, ‘राजनीतिक मुद्दों पर उनकी अपनी राय है और समय समय पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ वह चर्चा करती रही हैं । इन मुद्दों पर अगर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है ।’ करीब एक दशक पहले भी ऐसा माना जा रहा था कि प्रियंका सक्रिय राजनीति में आयेंगी । इसके विपरीत राहुल गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा जो सीट पहले उनके पिता राजीव गांधी के पास हुआ करती थी । अगस्त 2011 में सोनिया गांधी के विदेश में इलाज कराने के बाद एक बार फिर इन अटकलों ने जोर पकड़ा कि प्रियंका रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं । हालांकि पार्टी ने इस बात को खारिज किया । इससे पहले भी अमेठी रायबरेली के अलावा पूरे देश में कांग्रेस के प्रचार में प्रियंका गांधी को उतारने की मांग उठी थी । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 7, 2014, 20:44