Last Updated: Wednesday, June 4, 2014, 22:36
नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता को विपक्ष के नेता का दर्जा दिया जाएगा या नहीं, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। 16वीं लोकसभा की पहली बैठक बुधवार को शुरू हो गई। सरकार का कहना है कि विपक्ष के नेता का दर्जा देने के सवाल पर फैसला स्पीकर करेंगे।
लोकसभा या राज्यसभा में विपक्ष के नेता को कैबिनेट रैंक के मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है और उसे उनके समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं। सत्ताधारी पार्टी के बाद जो सबसे बडी पार्टी या गठबंधन होता है, आम तौर पर उसके नेता को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता मिलती है। लेकिन इसके लिए दूसरी सबसे बडी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का कम से कम दस फीसदी यानी 55 सदस्य होने चाहिए।
नवनिर्वाचित लोकसभा में दूसरे नंबर पर किसी भी पार्टी को 55 सीटें नहीं मिल पाई हैं। कांग्रेस दूसरे नंबर पर है और उसे 44 सीटें ही मिली हैं। संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज यहां कहा कि पहले सदन में स्पीकर आने दीजिए। विपक्ष के नेता पर फैसला करना स्पीकर का अधिकार होता है। नायडू से लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खडगे को विपक्ष के नेता का दर्जा देने की संभावनाओं के बारे में सवाल किया गया था। परंपराओं का स्मरण कराते हुए नायडू ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में कोई विपक्ष का नेता नहीं था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 4, 2014, 22:36