Last Updated: Tuesday, November 26, 2013, 23:36

गाजियाबाद : गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने दंत चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों को सोमवार को अदालत ने अपनी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की साढ़े पांच साल पहले हत्या करने का दोषी ठहराया था।
49 वर्षीय राजेश और 48 वर्षीय नूपुर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल ने मौत की सजा से बख्श दिया। उन्होंने जांच एजेंसी की अधिकतम सजा की मांग को खारिज कर दिया। इससे पहले सीबीआई ने मामले को जघन्य से जघन्यतम श्रेणी का बताते हुए दोनों के लिए मौत की सजा की मांग की थी।
सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड में सजा पर अदालत के समक्ष दलील देते हुए सीबीआई के वकील आर के सैनी ने कहा कि हत्याएं नृशंस थीं और यह जघन्य से जघन्यतम की श्रेणी में आता है।
बचाव पक्ष के वकील तनवीर मीर ने सीबीआई की दलीलों का विरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ सबूत कमजोर हैं और उन्होंने तलवार दंपति के प्रति नरमी बरतने की मांग की।
दलील सिर्फ पांच मिनट तक चली और उसके बाद न्यायाधीश ने कार्यवाही स्थगित कर दी और शाम साढ़े चार बजे तलवार दंपति को सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के दौरान राजेश और नूपुर तलवार शांत दिखे।
तलवार दंपति को सबूतों को नष्ट करने के लिए भी पांच साल के कारावास जबकि राजेश तलवार को पुलिस में गलत प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए और एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई। न्यायाधीश ने जो भी सजाएं सुनाईं वे साथ-साथ चलेंगी।
न्यायाधीश ने सजा सुनाने में सीबीआई की ओर से प्रदान किए गए परिस्थितिजन्य सबूतों पर भरोसा किया।
दंत चिकित्सक दंपति को सोमवार को अपनी 14 वर्षीय बेटी और 45 वर्षीय घरेलू नौकर की हत्या का दोषी ठहराया गया था। यह मामला अनैतिक आचरण और सेक्स, पुलिस की गड़बड़ियों, सीबीआई के बार-बार रुख बदलने और मीडिया के पूर्वाग्रह से भरा रहा। यह देश का सर्वाधिक रहस्यमय अपराध का मामला रहा।
न्यायाधीश ने तलवार दंपति को दोषी ठहराते हुए मानवता के इतिहास में ऐसी सनक का भी उल्लेख किया था जब माता-पिता ने अपनी ही संतान की हत्या की थी। तलवार दंपति को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), धारा 201 (सबूतों को नष्ट करने) और धारा 34 (अपराध करने के लिए साझा मंशा) के लिए दोषी ठहराया था।
राजेश को धारा 203 के तहत पुलिस को हेमराज द्वारा उनकी बेटी की हत्या किए जाने के बारे में गलत सूचना देने के लिए भी दोषी ठहराया गया है।
सीबीआई के अनुसार दंत चिकित्सक ने आरुषि और हेमराज की 15 और 16 मई की दरम्यानी रात को अपने नोएडा स्थित घर में गुस्से में आकर तब हत्या कर दी थी जब उन्होंने दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में पाया था। सीबीआई ने कहा कि नूपुर ने इस अपराध में अपने पति की मदद की।
राजेश तलवार के भाई दिनेश तलवार ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा था कि वे निश्चित तौर पर इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। दिनेश कहा था, ‘‘लड़ाई अभी शुरू हुई है। यह जारी रहेगी।’’ उन्होंने कहा था कि ढेर सारे सबूतों की अनदेखी की गई है।
सीबीआई के अनुसार तलवार दंपति ने आरुषि को हेमराज के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखकर गुस्से में आकर उनकी हत्या कर दी। हेमराज नेपाल का रहने वाला था। सीबीआई ने संकेत दिया था कि दोहरी हत्या झूठी शान की खातिर हत्या का मामला हो सकता है।
तलवार दंपति के नोएडा स्थित आवास में नवीं कक्षा की छात्रा आरुषि अपने बिस्तर पर पड़ी मिली थी और उसका गला रेता हुआ था। पुलिस ने शुरुआत में लापता घरेलू नौकर हेमराज पर हत्या का दोष मढ़ा था लेकिन 24 घंटे बाद ही उसका शव तलवार दंपति के मकान की छत पर मिला। उसका भी गला रेता हुआ था और सिर पर चोट के निशान थे।
न्यायाधीश ने 204 पन्नों के अपने फैसले में कहा था कि अब इस मामले में यह कहने का अंतिम समय आ गया है कि यह संदेह से परे साबित हो गया है कि इस अपराध को करने वाले ये अभियुक्त ही हैं।
न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘माता-पिता अपनी औलाद के सर्वश्रेष्ठ रक्षक होते हैं। यह मानव प्रकृति की व्यवस्था है लेकिन मानवता के इतिहास में ऐसे अनूठे मामले भी सामने आए हैं जिसमें पिता और मां अपनी ही संतान के हत्यारे बन गए हैं।’’
न्यायाधीश ने कहा था कि उन्होंने (तलवार दंपति) ‘हत्या नहीं की जानी चाहिए’ के ईश्वरीय आदेश और ‘उस जीवन को नहीं लिया जाना चाहिए जिसे अल्लाह ने पवित्र बनाया है’ के कुरान के आदेश का उल्लंघन करते हुए बिना किसी खेद के अपनी ही बेटी, जिसने बमुश्किल अपने जीवन के 14 बसंत देखे थे और नौकर को मिटा दिया।
उधर, नुपूर तलवार के माता पिता ने कहा कि वे फैसले से स्तब्ध हैं और इसके खिलाफ अपील करेंगे। नुपूर और उनके पति राजेश को अपनी पुत्री आरूषि और नौकर हेमराज की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि वे काफी निष्छल है। राजेश (और नुपूर) सुखी दंपति है और मैंने इससे पहले ऐसा नहीं देखा। नुपूर की मां लता चिटनिस ने कहा कि मैं इस अदालत के बारे में क्या कह सकती हूं। मैं इस अदालत और न्यायपालिका के बारे में कुछ नहीं कहना चाहती। हम सचाई के लिए लड़ रहे हैं और हम सच चाहते हैं। उन्होंने उत्तरप्रदेश पुलिस की प्रारंभिक जांच और बाद में सीबीआई की जांच पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की।
लता ने कहा कि इन लोगों ने उनके और हमारे जीवन को तहस नहस कर दिया है। हम पीड़ित हो रहे हैं । हम उपयुक्त फैसले की प्रतिक्षा कर रहे हैं। हम ऊंची अदालत में जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 26, 2013, 14:17