राजीव गांधी हत्याकांड में दंडित कैदी मृत्युदंड के लायक : सुप्रीम कोर्ट

राजीव गांधी हत्याकांड में दंडित कैदी मृत्युदंड के लायक : सुप्रीम कोर्ट

राजीव गांधी हत्याकांड में दंडित कैदी मृत्युदंड के लायक : सुप्रीम कोर्टनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी कैदी मृत्यु दंड के लायक ही हैं। कोर्ट ने उनकी दया याचिका के निबटारे में विलंब के आधार पर सजा घटाकर उम्र कैद में तब्दील करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्हें दोषी ठहराने के गुण-दोष पर विचार करने से इंकार कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि उनकी दया याचिकाओं पर फैसले में विलंब के आधार पर मौत की सजा को कम करने की याचिका पर सुनवाई की जा रही है। कोर्ट ने साथ ही मौत की सजा पाये इन दोषियों के वकील को इन्हें दोषी ठहराने के पहलू पर दलील देने से रोक दिया।

न्यायाधीशों ने कहा, ‘वे मृत्यु दंड के लायक हैं लेकिन सवाल यह है कि उन्हें कितने समय तक काल कोठरी में रखा जा सकता है। इन दोषियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी सहित सभी वकीलों ने 45 मिनट के भीतर अपनी बहस समाप्त कर ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि संतन, मुरूगन ओर पेरारिवलन की दया याचिकाओं के निबटारे में अत्यधिक विलंब किया गया है।

इन दोषी कैदियों की याचिका का विरोध कर रही केन्द्र सरकार चार फरवरी को इस मामले में अपना पक्ष रखेगी। शीर्ष अदालत ने मई, 2012 में राजीव गांधी के हत्यारों की मृत्यु दंड के खिलाफ याचिका पर निर्णय करने का निश्चय किया था और मद्रास हाईकोर्ट में लंबित इनकी याचिकाओं को अपने यहां भेजने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इन याचिकाओं को तमिलनाडु से बाहर स्थानांतरित करने के लिये एलके वेंकट की याचिका पर यह आदेश दिया था। वेंकट का तर्क था कि राज्य के तनावपूर्ण माहौल में इस पर निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से सुनवाई संभव नहीं है। इन दोषियों की एक याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने तीनों को फांसी पर लटकाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुये केन्द्र और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किये थे।

इनकी मुख्य दलील थी कि उनकी दया याचिकाओं के निबटारे में 11 साल और चार महीने का विलंब हुआ है और इसलिए अब मौत की सजा के फैसले पर अमल अनावश्यक कठोर और अधिक होगा जो संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त जीने के अधिकार के उल्लंघन जैसा होगा। इन कैदियों को नौ सितंबर, 2011 को निर्धारित फांसी देने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 31, 2014, 00:05

comments powered by Disqus