शिक्षक से मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने तक राजनाथ सिंह का सफर

शिक्षक से मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने तक राजनाथ सिंह का सफर

नई दिल्ली : कभी शिक्षक रहे राजनाथ सिंह ने अपने राजनीतिक करियर में कई उंचाइयां छूईं और अब वह पार्टी के अध्यक्ष पद से मोदी की सरकार में शामिल हुए हैं। लालकृष्ण आडवाणी के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मोदी के नाम का ऐलान करने वाले 62 साल के राजनाथ देश के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वस्त साथियों में शामिल हैं।

भाजपा के दो बार अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह का राजनीतिक उदय गोरखपुर से हुआ जहां वह उत्तर प्रदेश के स्थानीय कॉलेज में भौतिक शास्त्र के अध्यापक थे। वह उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री रहे तो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में परिवहन और कृषि मंत्री के रूप में काम किया।

मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री के तौर पर सक्षम प्रशासक की छाप छोड़ने वाले सिंह इस बार के लोकसभा चुनाव में लखनउ सीट से जीते हैं। दिसंबर, 2005 में आडवाणी के इस्तीफे के बाद राजनाथ भाजपा के अध्यक्ष बने और साल 2009 तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने पार्टी को हिंदुत्व की विचारधारा पर मजबूत बनाने का प्रयास किया और कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।

राजनाथ सिंह के अध्यक्ष रहते 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और उसकी सीटों की संख्या में पिछली बार के मुकाबले 22 की कमी आ गई। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के भाभौरा गांव में 10 जुलाई, 1951 को पैदा हुए राजनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में एमएससी की पढ़ाई की और 1971 में मिर्जापुर के केबी पोस्ट डिग्री कॉलेज में व्याख्याता बने।

उनका आरएसएस के साथ संबंध 1964 में उस वक्त शुरू हुआ जब वह महज 13 साल के थे। व्याख्याता के तौर पर भी आरएसएस से उनका संबध बना रहा। जेपी के आंदोलन में शामिल रहे राजनाथ सिंह को 1975 में आपातकाल के समय गिरफ्तार किया गया और 1977 में उनकी रिहाई हुई।

वह 1977 में पहली बार विधायक बने। 1983 में वह प्रदेश भाजपा के सचिव बने। संगठन में कई भूमिकाओं को निभाने के बाद वह कल्याण सिंह की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। उत्तर प्रदेश में शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने नकल विरोधी कानून लागू किया जिसको लेकर विवाद खड़ा हुआ था।

राजनाथ सिंह 1997 से 1999 तक उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह वाजपेयी सरकार में भूतल परिवहन मंत्री रहे। उनके मंत्री रहते ही राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम नामक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू हुई। बाद में वह कृषि मंत्री भी बने।

उन्हें 28 अक्तूबर, 2000 को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया और वह 2002 तक इस पद पर रहे। पिछले साल उन्होंने दूसरी बार भाजपा के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। राजनाथ सिंह के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है।

(एजेंसी)


First Published: Monday, May 26, 2014, 21:38

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