रविशंकर प्रसाद का परिचय: `रामलला` के वकील

रविशंकर प्रसाद का परिचय: `रामलला` के वकील

नई दिल्ली : भाजपा के स्पष्ट वक्ता के तौर पर मशहूर और टेलीविजन की चर्चाओं में अकसर दिखाई देने वाले रविशंकर प्रसाद अनुभव के पिटारे के साथ केन्द्रीय मंत्रिमंडल में वापस लौटे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह चार वर्ष तक विभिन्न विभागों के प्रभारी रहे।

रविशंकर प्रसाद ने अपना राजनीतिक जीवन भले ही लालू प्रसाद के नेतृत्व में पटना विश्वविद्यालय के तेजतर्रार छात्र नेता के तौर पर शुरू किया, लेकिन उनका भाजपा में आना बहुत स्वाभाविक रहा क्योंकि उनके वकील पिता ठाकुर प्रसाद जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

उंची जाति के कश्यप परिवार में 30 अगस्त 1954 को जन्मे रविशंकर ने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक, स्नातकोत्तर और फिर कानून की पढ़ाई की।

उन्होंने 1970 के दशक में छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर शिरकत की। उन्होंने 1974 के जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया और आपातकाल के दौरान जेल गए।

अपने कालेज के दिनों में वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव बने। लालू प्रसाद संघ के अध्यक्ष थे।

1980 से पटना उच्च न्यायालय में वकालत की प्रेक्टिस के बाद उन्हें 1999 में पटना उच्च न्यायालय का वरिष्ठ एडवोकेट बनाया गया और वर्ष 2000 में वह उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट बने।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ करोड़ों रूपए के चारा घोटाले में प्रसाद मुख्य अधिवक्ता थे। उन्होंने हवाला मामले में भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पैरवी की। 2010 में प्रसाद अयोध्या टाइटल मुकदमे में मुख्य अधिवक्ता रहे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए।

प्रसाद को वर्ष 2000 में केन्द्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री बनाया गया और जुलाई 2002 में विधि एवं न्याय राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया, जहां उन्हें फास्ट ट्रैक अदालतों की प्रक्रिया में तेजी लाने का श्रेय जाता है। बाद में राजग शासन में सूचना और प्रसारण मंत्री के तौर पर उन्होनें रेडियो, टेलीविजन और एनीमेशन के क्षेत्र में सुधारों की शुरूआत की। उन्हें गोवा को भारतीय अन्तरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का स्थायी आयोजन स्थल बनाने का श्रेय भी जाता है।

भाजपा के 10 साल तक सत्ता से दूर रहने के दौरान रविशंकर प्रसाद पार्टी का प्रमुख सार्वजनिक चेहरा बने रहे। वह प्रमुख मामलों पर अपने विचार स्पष्ट शब्दों में व्यक्त करते रहे और कई वर्ष तक पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रहे।

वह वर्ष 2012 में बिहार से राज्य सभा सदस्य के रूप में तीसरी बार चुने गए। रविशंकर प्रसाद की बहन अनुराधा प्रसाद मीडिया से जुड़ी हैं और कांग्रेस नेता तथा पूर्व आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला की पत्नी हैं।

(एजेंसी)

First Published: Monday, May 26, 2014, 22:04

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