RSS की आर्थिक सोच कट्टर नहीं है : राममाधव

RSS की आर्थिक सोच कट्टर नहीं है : राममाधव

RSS की आर्थिक सोच कट्टर नहीं है : राममाधवनई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राममाधव ने आज कहा कि संघ की आर्थिक सोच कट्टर नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सहित देश की भलाई के लिए निर्णय करने को स्वतंत्र है। संगठन ने कहा कि इसकी व्यापक सोच देश की आर्थिक संप्रभुता की रक्षा करना है तथा इसकी बारीकियां सरकार को तय करना है।

माधव ने कहा कि हम कोई आर्थिक कट्टरपंथी नहीं हैं। संघ का मत है कि भारत सरकार को ही यह तय करना चाहिए कि देश के लिए कौन से आर्थिक निर्णय अच्छे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह आर्थिक संप्रभुता के बारे में है। सवाल है कि क्या हम देश की भलाई के लिए निर्णय करेंगे या ये निर्णय अन्य देश करेंगे। हमारी व्यापक रूपरेखा महज यही है।’’ संघ नेता ने कहा, ‘शेष बारीकियां सरकार को तय करनी हैं। विशेष बातें सरकार को तय करनी हैं। क्या वे एफडीआई लायेंगे या किस क्षेत्र में लायेंगे। स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन विशिष्ट मुद्दों पर अपनी राय रख सकते हैं। सरकार उनकी चिंताओं को कम करेगी।’


स्वदेशी जागरण मंच एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं जैसे संगठनों की स्वदेशी की मांग के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में संघ नेता राममाधव ने कहा कि ऐसे संगठन विशिष्ट मुद्दों पर अपने मत रख सकते हैं जिन पर सरकार को गौर करना चाहिए। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित दक्षेस देशों के प्रमुखों को अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए मोदी के न्योते की सराहना कर चुके माधव ने कहा कि इसने सरकार की पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की गंभीरता को पुष्ट किया है।

उन्होंने शरीफ सहित दक्षेस देशों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘इस कदम से दो बातें प्रमाणित हुई हैं। पहली, पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में हम गंभीर हैं। दूसरी क्षेत्र में एक मजबूत सशक्त राष्ट्र के रूप में हमारी स्थिति है। दोनों बातें स्थापित हुई हैं।’’ उनके अनुसार सभी पड़ोसियों द्वारा न्योते को स्वीकार करना और समारोह में शामिल होना इस बात का तथ्य है कि वे भारत तथा यहां की नयी सरकार का काफी सम्मान करते हैं।

संघ के नेता ने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की यात्रा को लेकर खड़ा किया गया विवाद अनावश्यक था। यह कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं थी। यह भारत सरकार का एक औपचारिक कार्यक्रम था जिसके लिए शरीफ सहित सभी दक्षेस देशों के प्रमुखों को अतिथि के रूप में बुलाया गया था।’ माधव ने कहा, ‘जहां तक अनौपचारिक बातचीत की बात है, सभी दक्षेस देशों को सद्भावना संदेश दिया गया। यह सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की भारत की गंभीरता को दिखाता है। यह बहुत अच्छी शुरूआत है। इसने (सरकार ने) अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक दस्तक के साथ शुरूआत की है। यह बहुत अच्छा कदम है।’’ मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर उन पर हमला करने के लिए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।

उन्होंने कहा, ‘यह टिप्पणी गरिमापूर्ण नहीं थी। कांग्रेस को कुछ भी कहने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं का इतिहास देखना चाहिए।’ (एजेंसी)



First Published: Thursday, May 29, 2014, 18:13

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