सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग पर टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए सलमान खुर्शीद

सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग पर टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए सलमान खुर्शीद

सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग पर टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए सलमान खुर्शीद ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की लंदन में की गई वह कथित टिप्पणी यहां विभिन्न वर्गों की आलोचना के घेरे में आ गई है, जिसमें उन्होंने जानकारी के अनुसार उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़ा किया था। इस मुद्दे पर भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि टिप्पणियां हताशा के चलते की गई हैं।

उन्होंने कहा कि खुर्शीद का चुनाव आयोग के खिलाफ हमला और कुछ नहीं बल्कि उनकी (कांग्रेस की) हताशा है। उनके अन्य वरिष्ठ सहयोगी चुनावी दौड़ से बाहर रहने का फैसला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने चुनाव की दौड़ से बाहर रहने का फैसला तो नहीं किया है लेकिन वह हारने को लेकर निश्चिंत हैं, इसलिए वह अब कांग्रेस नहीं बल्कि चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे हैं।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी ने कहा कि खुर्शीद की आलोचना अनुचित है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उच्चतम न्यायालय की आलोचना उन्होंने इसलिए की क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इसका फैसला किया कि हलफनामे में क्या होगा। मेरा मानना है कि यह पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि उच्चतम न्यायालय मतदाताओं को यह समझाने में मदद कर रहा है कि उम्मीदवारों की सच्चाई क्या है।

गौर हो कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए उन पर कटाक्ष किए। दोषी सांसदों को अयोग्य ठहराने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का संभवत: जिक्र करते हुए उन्होंने इसे न्यायाधीश द्वारा बनाया गया कानून बताया जबकि चुनाव आयोग के ‘व्यापक दार्शनिक रुख’ के बारे में कहा कि आपको ऐसा कुछ नहीं करना या कहना चाहिए, जिससे आप चुनाव जीत सकें।

स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (एसओएएस) में कल रात ‘भारत में लोकतंत्र की चुनौतियां’ विषय पर बोलते हुए खुर्शीद ने कहा कि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता दलों के लिए चुनाव जीतना कठिन बना देती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनसे (चुनाव आयोग से) हाल में हमें निर्देश मिले कि हमारे घोषणा पत्र में इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि सड़कों के निर्माण की पेशकश नहीं की जाए क्योंकि सड़क बनाने का वादा लोकतांत्रिक निर्णय प्रक्रिया को विकृत करता है। उन्होंने कहा कि आपको पेयजल की पेशकश भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि उससे निर्णय प्रक्रिया विकृत होती है।

खुर्शीद ने कहा कि उनको जो व्यापक दार्शनिक रूख समझ आता है वह यह है कि ‘आपको ऐसा कुछ भी नहीं करना या कहना चाहिए जिससे चुनाव जीता जा सके। आपको चुनाव हारने का प्रयास करना चाहिए। मैंने उनसे गुस्ताखी से कहा कि हमने पांच वर्ष तक चुनाव हारने का प्रयास किया, कृपया हमें 15 दिन दीजिए जिसमें हम कोशिश करें और जीत सकें। उन्होंने आयोग को काफी शक्तिशाली एवं अति सम्माननीय बताया जिसने हमारी चुनावी प्रक्रिया के कई खराब चीजों का हटाया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Thursday, March 13, 2014, 19:35

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