Last Updated: Friday, March 28, 2014, 21:19
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में केरल तट से दूर दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या के मामले की जांच और मुकदमा चलाने के राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के अधिकारी क्षेत्र के खिलाफ दो इतालवी मरीन की याचिका पर आज केन्द्र सरकार से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर की पीठ ने इतालवी मरीन की याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया। इन मरीन ने याचिका में दलील दी है कि दो मछुआरों की कथित हत्या के मामले की राष्ट्रीय जांच एजेन्सी की जांच गैरकानूनी है। इन दोनों मरीन के खिलाफ समुद्री लुटेरे विरोधी एसयूए कानून के तहत मामला वापस लेने के भारत सरकार के निर्णय के एक महीने बाद यह याचिका दायर की गयी है। इस कानून के तहत मृत्यु दंड तक हो सकता था।
इन मरीन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायालय में कहा कि गृह मंत्रालय ने 6 फरवरी, 2014 के आदेश के तहत 17 जनवरी, 2014 को दी गयी मंजूरी वापस ले ली है, एसयूए कानून की धारा 3(1)(जी)(आई) हट गयी है, इसलिए एनआईए कानून की धारा 3(1) के तहत अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को कोई अधिकार नहीं है।
न्यायालय ने विशेष अदालत के समक्ष 31 मार्च को इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का भी वकील का अनुरोध स्वीकार कर लिया। रोहतगी ने कहा कि चूंकि अभी तक इस मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ है, इसलिए समय समय पर कार्यवाही स्थगित हो रही है और इससे जुड़े लोगों को अनावश्यक ही अदालत में हाजिरी दर्ज करानी पड़ रही है। यह मामला ‘एनरिका लेक्सी’ जहाज पर सवाल इतालवी मरीन लटोरे और गिरोने द्वारा 15 फरवरी, 2012 को कथित रूप से केरल तट से दूर दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने से संबंधित है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 28, 2014, 21:19