Last Updated: Monday, October 7, 2013, 21:12

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से आधार योजना या विशिट पहचान संख्या प्रणाली को जोड़ने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। ये याचिका दायर करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा राय भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की खंडपीठ के समक्ष अरूणा राय और अन्य की याचिका सुनवाई के लिए आई यी तो न्यायाधीशों ने कहा कि आधार कार्ड के बारे में उसके आदेश में सुधार के लिये केन्द्र और सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल कंपनियों की अर्जियों के साथ कल सुनवाई की जाएगी।
इस आदेश में न्यायालय ने कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है और इसके अभाव में किसी भी व्यक्ति को सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के तहत पंजीकरण कराने की योजना स्वैच्छिक है लेकिन इसके बावजूद सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के लिये आधार कार्ड की आवश्यकता बतायी जा रही है जिस वजह से आधार पंजीकरण अनिवार्य हो रहा है। याचिका के अनुसार विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बगैर किसी सुरक्षा उपायों के ही नागरिकों के बाइमेट्रिक विवरण एकत्र करने की जिम्मेदारी निजी ठेकेदारों और गैर सरकारी संगठनों को दे रखी है जिनकी वजह से निजी व्यक्तियों द्वारा ही नहीं बल्कि सरकार द्वारा भी इनके दुरूपयोग की गुंजाइश है।
याचिका में कहा गया है कि जवाबदेही, आंकड़ों की सुरक्षा और उल्लंघन के अपराध के मामलों के लिये किसी कानूनी व्यवस्था के अभाव में विशिष्ट पहचान कार्यक्रम लोगों की जिंदगी को ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 7, 2013, 21:12