Last Updated: Thursday, January 16, 2014, 15:42

नई दिल्ली : पृथक तेलंगाना राज्य के मुद्दे की छाया कल यहां हो रही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक पर पड़ सकती है। आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को धमकी दी कि अगर उन्हें सम्मेलन में जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वे सम्मेलन स्थल के बाहर घरना देंगे।
सीमांध्र क्षेत्र के एक प्रमुख कांग्रेस सांसद ने कहा कि क्षेत्र के छह सांसदों वी अरूण कुमार, सब्बम हरी, आर सम्बाशिवराव साई प्रताप, हर्ष कुमार और एल राजगोपाल को एआईसीसी सम्मेलन का पास देने से इंकार कर दिया गया है। उक्त सांसद ने अपना नाम जाहिर न न करने की शर्त पर कहा कि पार्टी नेतृत्व द्वारा इन सांसदों को सम्मेलन में प्रवेश की इजाजत न न दिये जाने की कार्रवाई अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं को बिना कोई नोटिस दिये उन्हें पास देने से इंकार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक लोकतांत्रिक पार्टी है। वह ऐसा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने हमें कुछ नहीं दिया है। उक्त सांसद ने कहा कि अगर नेतृत्व ने हमें सम्मेलन के लिए प्रवेश का पास नहीं दिया तो हम तालकटोरा स्टेडियम के समक्ष धरना देंगे। इसी स्टेडियम में कल एआईसीसी का सम्मेलन होने वाला है। इस मुद्दे पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया तत्काल प्राप्त नहीं हुई है।
इन खबरों की पृष्ठभूमि में कि पृथक तेलंगाना राज्य का मुद्दा एआईसीसी की बैठक में हलचल पैदा कर सकता है संभवत: सम्मेलन के लिए पास देने से इंकार किये जाने का मुद्दा सामने आया है। सांसद एल रालगोपाल ने पार्टी के इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में राज्य के बंटवारे के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने के लिए भी केन्द्रीय नेतृत्व से इजाजत मांगी थी।
विजयवाड़ा से कांग्रेस सांसद एल राजगोपाल ने दो दिन पहले पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी को आंध्र प्रदेश में फैसले के खिलाफ 2009 में जनादेश मिला था तथा जनादेश एवं जनता की इच्छा के खिलाफ अगर कोई फैसला किया जाता है तो यह लोकतंत्र का मजाक होगा। गैर सरकारी प्रस्ताव पेश करने के बारे में पार्टी संविधान के तहत नियमों का हवाला देते हुए राजगोपाल ने कहा कि हम राष्ट्रीय हित में राज्य के और विभाजन का विरोध करते हैं। हमारा दृढ मत है कि कांग्रेस कार्य समिति के पिछले साल के 30 जुलाई के उस फैसले को पलटने की जरूरत है जिसमें पृथक तेलंगना राज्य के गठन के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया था।
First Published: Thursday, January 16, 2014, 14:54