Last Updated: Monday, October 7, 2013, 21:52
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : तेलंगाना के गठन के खिलाफ सीमांध्र में कई दिनों से हो रहे प्रदर्शन पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को चिंता जताई। उन्होंने लोगों से वार्ता के लिए स्वस्थ परिस्थितियों का निर्माण करने की अपील की।
शिंदे ने आज कहा कि राज्य के सभी क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने वाला सौहार्दपूर्ण हल निकलने का हमें पूरा विश्वास है। शिंदे ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ सीमांध्र में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए आज भरोसा दिलाया कि राज्य के सभी क्षेत्रों के हितों की रक्षा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात के बाद शिंदे ने कहा कि हमें इस मुद्दे के ऐसे सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का भरोसा है जिससे राज्य के सभी क्षेत्रों के लोगों के हितों की रक्षा होती है। शिंदे का बयान उस वक्त आया है जब सीमांध्र क्षेत्र के पांच केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक की है। इन मंत्रियों ने मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि तेलंगाना के गठन के मुद्दे पर वह उनके इस्तीफे स्वीकार करें।
सीमांध्र में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर केंद्र के चिंतित होने का उल्लेख करते हुए शिंदे ने कहा कि भारत सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का पूरी तरह से सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि सीमांध्र के लोगों को मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारत सरकार उनकी सभी चिंताओं का निवारण करने को प्रतिबद्ध है। ये चिंताएं शिक्षा एवं रोजगार, हैदराबाद में युवकों के लिए अवसरों, नदियों के पानी के बंटवारें तथा सरकारी नौकरियों से संबंधित हैं।
शिंदे ने कहा कि मंत्री समूह नए राज्य के गठन के विवरण पर गौर करने तथा सभी मुद्दों का सामूहिक रूप से निवारण करने के साथ सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श करेगा। उन्होंने कहा कि मैं सीमांध्र के लोगों से स्वस्थ संवाद प्रक्रिया के लिए माहौल बनाने की अपील करता हूं। मुझे यकीन है कि हम ऐसा सौहार्दपूर्ण समाधान निकाल सकेंगे जिससे आंध्र प्रदेश के सभी क्षेत्रों के लोगों के हितों की रक्षा होगी तथा उन्हें फायदा होगा।
तेलंगाना के गठन के खिलाफ सीमांध्र में चल रहे प्रदर्शन के बीच गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आंध्र प्रदेश के ताजा हालात से अवगत कराया। साथ ही बताया कि राज्य में शांति बनाये रखने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बैठक में गृह सचिव अनिल गोस्वामी भी शामिल हुए।
बताया जाता है कि शिंदे ने प्रधानमंत्री को बताया कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सीमांध्र क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित बंटवारे के खिलाफ राज्य के सीमांध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विजयनगरम कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया है।
पृथक तेलंगाना के गठन को लेकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल के 3 अक्तूबर के फैसले के खिलाफ बिजली कर्मचारी हडताल पर हैं और कई इलाकों में बिजली गुल है। इस बीच सूत्रों ने बताया कि सीमांध्र के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन के हिंसक होने और कांग्रेस नेताओं की संपत्तियों पर हमलों को लेकर गृह मंत्रालय चिन्तित है। एक सूत्र ने कहा कि हम अधिकतम एहतियात बरत रहे हैं और सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों क्षेत्रों के लोगों में संघर्ष न हो। केन्द्र सरकार को एक बात की और चिंता है कि सीमांध्र के लोगों के मन से यह भय कैसे निकाला जाए कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद उनके शैक्षिक और रोजगार के अवसर छिनने की संभावना है। अधिकांश अच्छे शैक्षिक संस्थान और रोजगार के अवसर तेलंगाना क्षेत्र में हैं, जिनमें से अधिकांश हैदराबाद और उसके आसपास के इलाकों में हैं। सीमांध्र के लोग सोचते हैं कि नये राज्य के गठन के बाद काफी सीमित अवसर बचेंगे।
उधर, कांग्रेस ने तदेपा प्रमुख एन चन्द्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी पर तेलंगाना के मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि ये दोनों दल पृथक तेलंगाना राज्य का अब विरोध कर रहे हैं जबकि पहले इन दोनों दलों ने इसका समर्थन किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास से यहां संवाददाताओं ने जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की संभावना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसा समय नहीं आया है और जब ऐसी कोई स्थिति पैदा होगी तो हम इस पर सोचेंगे। दास ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को लेकर तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के ताजा विरोध को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले इस पर कोई विरोध नहीं था और कोई असंतोष नहीं था। अब विरोध हो रहा है। यह सब राजनीतिक मामला है। उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के सवाल को लेकर बहुत राजनीति हो रही है और अशांति फैली हुई है। जो लोग तेलंगाना राज्य बनाने को समर्थन दे रहे थे, वे ही आज उसका विरोध कर रहे हैं और जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
First Published: Monday, October 7, 2013, 20:13