Last Updated: Saturday, December 7, 2013, 14:51
शांतिनिकेतन (प. बंगाल) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि छात्र जब रोजगार करने जाएं तो उनके दिमाग में मानव जाति का कल्याण का मुद्दा सर्वप्रमुख हो। विश्व-भारती विश्वविद्यालय में 48वें दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने अपनी बात रखने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के शब्दों को याद किया, ‘‘मेरे देशवासियो यह नहीं पूछें कि देश आपके लिए क्या करेगा बल्कि यह पूछें कि आप देश के लिए क्या करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, भौतिक मायने में कामयाब होना गलत नहीं है, लेकिन क्या हम भूल सकते हैं कि हम समाज की उपज हैं। हम अगल-थलग नहीं हैं, हम मानव जाति से जुड़े हैं, हमारा दायित्व है।
प्रणब ने छात्रों से आग्रह किया कि वह साहस और विवेक के साथ दुनिया से रू-ब-रू हों। राष्ट्रपति ने प्रकृति के साथ रिश्ते पुर्नस्थापित करने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के प्रत्येक विश्वविद्यालय की एक स्पष्ट शिनाख्त और मूल्य होने चाहिए। रविन्द्र नाथ टैगोर ने 1901 में केवल पांच छात्रों के साथ एक ‘आश्रम’ के रूप में इस शिक्षण संस्थान की स्थापना की थी। 1951 में इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय घोषित किया गया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 7, 2013, 14:51