Last Updated: Saturday, January 4, 2014, 17:19
नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारत-अमेरिका परमाणु करार पर समझौते को पिछले 10 साल के कार्यकाल का सबसे अच्छा पल करार दिए जाने के बयान को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए आज कहा कि यह देश के लिए ‘सबसे खराब क्षण’ था।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘जहां तक देश का सवाल है तो शायद वह सबसे खराब क्षण था। कुछ ठोस हासिल नहीं हुआ है। परमाणु ऊर्जा की कोई एक इकाई अब तक सामने नहीं आई है। परंतु इसका नतीजा यह हुआ कि भारत की विदेश नीति अमेरिका के अनुरूप हो गई है।’
उन्होंने कहा, ‘इस कारण भारत-ईरान गैस पाइपलाइन प्रभावित हुई। कई दूसरे विकासशील देशों के साथ कृषि और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी इसका असर हुआ क्योंकि ये देश सोचते हैं कि भारत के अमेरिका का अधीनस्थ साझेदार बन जाने से उनक हितों के साथ समझौता हुआ है।’
येचुरी ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में सूचना का अधिकार कानून अथवा शिक्षा और रोजगार का अधिकार या आदिवासियों के अधिकार को लेकर गई प्रगतिशील कानून वाम दलों के दबाव के कारण सामने आए। संप्रग एक में वाम दल सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे ।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल कहा था कि अमेरिका के साथ परमाणु करार पर समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना उनके पिछले 10 साल के कार्यकाल का सबसे बेहतरीन पल रहा। भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान गलत है कि अगला प्रधानमंत्री संप्रग से होगा क्योंकि न तो नरेंद्र मोदी और न ही संप्रग-3 आगामी चुनाव के बाद सत्ता में आने वाले हैं। रेड्डी ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि 2014 में एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक विकल्प सत्ता में आएगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 4, 2014, 17:19