Last Updated: Monday, June 9, 2014, 13:52
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत संघीय व्यवस्था वाला देश है परंतु काफी वर्षों से इसकी संघीय भावना को कमजोर किया गया है।
संसद के दोनों सदनों की केन्द्रीय कक्ष में संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, राज्यों और केन्द्र को सामंजस्यपूर्ण टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए। राष्ट्रीय मुद्दों पर राज्यों के साथ सक्रियता से कार्य करने के लिए मेरी सरकार राष्ट्रीय विकास परिषद, अंतर राज्यीय परिषद जैसे मंचों को पुन: सशक्त बनाएगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र, सहकारी संघवाद के जरिए राज्यों की त्वरित प्रगति में सहायक बनेगा और तटीय, पर्वतीय और रेगिस्तानी राज्यों की विशेष आवश्यकताओं और अलग तरह की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्दिष्ट विकास प्रारूप विकसित किये जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के पूर्वी भागों को भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के संदर्भ में पश्चिमी भागों के बराबर लाने को उच्चतम प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के विकास संबंधी मुद्दों का समाधान करेगी।
मुखर्जी ने कहा कि इसके साथ ही सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू कश्मीर में ‘इन्ट्रा रीजन कनेक्टिविटी’ और ‘सीमावर्ती बुनियादी ढांचे’ को सुधारने पर विशेष जोर देगी।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में घुसपैठ और गैर कानूनी प्रवासियों के मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा तथा पूर्वोत्तर सीमा पर बाड लगाने के रूके संपूर्ण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा।
मुखर्जी ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे कि कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों की भूमि पर पूर्ण गरिमा, सुरक्षा और सुनिश्चित जीविका के साथ लौटें।
(एजेंसी)
First Published: Monday, June 9, 2014, 13:52