SC को मनाने में सुब्रत राय ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी

SC को मनाने में सुब्रत राय ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी

नई दिल्ली : सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने आज सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर राजी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि वह निवेशकों को 20,000 करोड़ रुपये रिफंड करने के संबंध में न्यायालय के सभी आदेशों व निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे।

राय ने न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन व न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की पीठ के समक्ष कहा, ‘‘आज मैं यहां आपसे हाथ जोड़कर फरियाद कर रहा हूं कि मुझे कुछ समय दें और हमारे प्रस्ताव पर विचार करें।’’ करीब दो घंटे चली सुनवाई के दौरान सहारा प्रमुख ने पीठ को इस बात के लिए मनाने हेतु 8 से 10 बार प्रयास किया कि वह भाग नहीं रहे हैं और वह ‘इस अदालत के हर आदेश का पालन करेंगे।’’ राय ने कहा, ‘‘अगर मैं ऐसा नहीं करता हूं तो आप मुझे दंड दीजिए।’’ उन्होंने पीठ के समक्ष दलील दी कि क्योंकि वह कई जमाकर्ताओं को नकदी के जरिए भुगतान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जमाकर्ता रिक्शाचालक व मोची हैं जो 8,000 रुपये जमा करते हैं। सेबी का कहना है कि भुगतान का स्रोत क्या है। नकदी में धन प्राप्त करने वाले गरीब लोग जवाब के लिए डाक टिकट पर 2 रुपये खर्च नहीं करेंगे। मैं हाथ जोड़कर यह कह रहा हूं कि सेबी का रूख सही नहीं था।’’ राय ने कहा, ‘‘आपकी चिंता फर्जी खातों को लेकर है, लेकिन क्या सेबी ने आपके आदेश का पालन किया। क्योंकि उन्होंने दस्तावेजों का सत्यापन किया। सेबी रूक गया। आप उन्हें आदेश का पालन करने को कहें, चीजें अपने आप सुलझ जाएंगी।’’ राय ने 2008 में आई इसी तरह की स्थिति का हवाला दिया। रिजर्व बैंक ने 2008 में एनबीएफसी पर आदेश जारी किया था। राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का समय दिया था। सहारा प्रमुख ने कहा कि पिछले 37 साल में एक भी ऐसा अवसर नहीं आया जब किसी निवेशक ने कंपनी के खिलाफ कोई शिकायत की हो। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 4, 2014, 23:39

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