Last Updated: Monday, February 17, 2014, 21:31
नई दिल्ली : संसद में तेलंगाना विधेयक पेश करने पर रोक लगाने से इंकार करने के 10 दिन बाद उच्चतम न्यायालय सोमवार को एक बार फिर इस प्रकरण को लेकर दायर दो याचिकाएं खारिज कर दी। इन याचिकाओं में आंध्र प्रदेश का बंटवारा करके नए राज्य के सृजन को चुनौती दी गयी थी।
शीर्ष अदालत ने तेलंगाना के खिलाफ याचिका को ‘अपरिपक्व’ करार देते हुए कहा कि वह सात फरवरी के नजरिये से अलग दृष्टिकोण नहीं अपना सकता है। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की खंडपीठ ने यह दलील अस्वीकार कर दी कि अब तेलंगाना विधेयक संसद में पेश हो गया है। इसलिए शीर्ष अदालत इस पर विचार कर सकती है।
न्यायालय ने कहा कि चूंकि विधेयक संसद में पेश किया जा चुका है, इसलिए वह इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि विधेयक पेश करने की कार्यवाही संविधान के अनुच्छेद 3 के प्रावधान के अनुरूप नहीं थी। इसर पर न्यायाधीशों ने कहा कि यह बिंदु सात फरवरी को नौ याचिकाओं में समाहित था। हम अब कोई अलग दृष्टिकोण नहीं अपना सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने सात फरवरी को इस विधेयक को सदन में पेश करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने पिछले साल 18 नवंबर के आदेश का जिक्र करते हुए कहा था कि यह अपरिपक्व है और फिलहाल राज्य के बंटवारे के खिलाफ किसी भी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि याचिका में उठाये गये मुद्दों पर उचित समय पर विचार किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 17, 2014, 21:31