Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 12:12

नई दिल्ली : सुषमा स्वराज ने मंगलवार को देश की पहली महिला विदेश मंत्री बनने के साथ ही अपने राजनीतिक करियर में एक और उपलब्धि दर्ज की।
मात्र 25 वर्ष की आयु में हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनने वाली सुषमा के खाते में राजनीति के क्षेत्र में और भी कई उपलब्धियां दर्ज हैं। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है।
62 वर्षीय सुषमा को प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार सौंपा गया है। सुषमा केंद्रीय कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों से शामिल विदेश मंत्रालय का प्रभार ऐसे समय में संभाल रही हैं जब भारत के बढते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव ने उसे वैश्विक मामलों में एक प्रमुख आवाज बना दिया है।
पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध भारतीय विदेश नीति निर्माताओं के समक्ष कुछ स्थायी चुनौतियों में से एक हैं। संयोगवश एमईए (विदेशी मामलों के मंत्रालय) में विदेश सचिव सुजाता सिंह भी महिला हैं। सुषमा 1977 में 25 वर्ष की आयु में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्होंने हरियाणा में शिक्षा मंत्रालय का कार्यभाल संभाला था।
सुषमा 1979 में भाजपा की हरियाणा इकाई की अध्यक्ष बनी थीं और वह ‘श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार’ से सम्मानित होने वाले चुनिंदा सांसदों में शामिल हैं। सुषमा ने कानून में स्नातक हंै और उच्चतम न्यायालय में वकालत भी की है। वह सात बार सांसद और तीन बार विधायक चुनी गई हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 12:12