Last Updated: Sunday, June 8, 2014, 20:20

नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के दो हफ्तों के भीतर यहां भारत और चीन के विदेशमंत्रियों के बीच आज मैत्रीपूर्ण एवं सार्थक बातचीत के दौरान विवादित सीमा मुद्दे सहित द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आज यहां भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से तीन घंटे तक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। भारतीय प्रवक्ता ने हालांकि विषयों के बारे में नहीं बताया लेकिन माना जा रहा है कि सीमा विवाद, घुसपैठ, खास श्रेणी के भारतीयों को चीन द्वारा नत्थी वीजा जारी करने, ब्रहमपुत्र नदी पर बांधों के निर्माण और चीन के बढ़े निवेश जैसे विषय चर्चा के दौरान उठे।
वांग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत के तौर पर भारत आए हैं और उन्होंने नई सरकार की प्रशंसा इन शब्दों से की कि उसने :नई सरकार: प्राचीन स5यता में नई चेतना भर दी है।
प्रवक्ता ने चीनी नेता के हवाले से कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत में गतिविधियों पर करीबी नजर रखे हुए है और चीन तथा भारत के सपनों में काफी कुछ समानता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बातचीत को मैत्रीपूर्ण, फायदेमंद, उपयोगी और सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि रिश्तों में नई सामग्री और चीजें जोड़ने का संकल्प था और यह आपसी समझ थी कि एक दूसरे की संवेदनशीलताओं और महत्वाकांक्षाओं के लिए सम्मान द्विपक्षीय रिश्तों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रवक्ता ने हालांकि बातचीत के मुददों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत चीन संबंधों के महत्वपूर्ण मुददे सबको पता हैं इसलिए मैं विस्तृत तरीके से उनकी सूची नहीं बताउंगा लेकिन कहना चाहूंगा कि सभी महत्वपूर्ण विषय उठाए गए और उन पर खुलकर चर्चा हुई। आज तड़के पहुंचे वांग कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि चीनी नेता ने कहा कि उनका देश भारत में जारी कार्यक्रमों का स्वागत और समर्थन करता है तथा चीन नई सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
दोनों नेताओं का मानना है कि आर्थिक संबंधों में वृद्धि की असीमित क्षमता है। उन्होंने औद्योगिक पार्क स्थापित करके, विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं सहित अन्य के जरिये भारत में चीनी निवेश बढाने के तरीकों पर चर्चा की। वांग और सुषमा की वार्ता के दौरान उनके शिष्टमंडल भी साथ थे जिनमें विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विभिन्न बहुराष्ट्रीय सम्मेलनों से इतर इस साल उच्च स्तर पर द्विपक्षीय यात्राओं और बैठकों के तौर पर बातचीत के संभावित अवसरों पर चर्चा हुई।
यह पूछे जाने पर कि बैठक में किन मुददों पर चर्चा हुई, अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी हित के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय मुददों पर विस्तृत चर्चा की। प्रवक्ता ने कहा कि सुषमा ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं और यात्रा के मार्गों की संख्या में बढोत्तरी का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने वांग को यात्रा का खर्चा कई वषरे से निरंतर चीन द्वारा वहन करने का धन्यवाद दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके चीनी समकक्ष चाओ एनलाइ द्वारा 1954 में शांति के लिए प्रस्तावित पांच सिद्धांत पंचशील के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयेाजित समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के चीन के अनुरोध को भारत ने स्वीकार कर लिया है, प्रवक्ता ने कहा कि कोई फैसला नहीं किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, आज की बैठक भारत चीन संबंधों के विभिन्न रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण मुददों पर एक दूसरे की स्थिति समझने के लिए ज्यादा थी।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, June 8, 2014, 14:53