तमिलाड़ु सरकार का राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का फैसला

तमिलाड़ु सरकार का राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का फैसला

तमिलाड़ु सरकार का राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का फैसलाज़ी मीडिया ब्यूरो

चेन्नई: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई होगी। तमिलनाडु की जयललिता सरकार ने सभी सातों दोषियों को रिहा करने का फैसला किया है। तमिलनाडु सरकार ने ए जी पेरारिवलन और नलिनी समेत राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री जे जयललिता ने तमिलनाडु विधानसभा को बताया कि सरकार ने संतन, मुरगन, पेरारिवलन, नलिनी, रोबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को रिहा करने का फैसला किया है। राजीव गांधी की हत्या के सातों दोषियों को रिहा करने का निर्णय आज जयललिता की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

राज्य की विधानसभा में इस बाबत एक घोषणा करते हुए जयललिता ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल का यह फैसला मंजूरी के लिए केन्द्र के पास भेजेगा। यह मामला सीबीआई ने दायर किया था और सीआरपीसी की धारा 453 के तहत केन्द्र की मंजूरी जरूरी है।

जयललिता ने घोषणा की, ‘अगर केन्द्र की तरफ से तीन दिन के अंदर कोई जवाब नहीं आता है तो राज्य सरकार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 432 के तहत राज्य सरकार को सौंपी गई शक्तियों के अनुरूप सभी सात दोषियों को रिहा कर देगी।’ इस फैसले से, उम्रकैद की सजा भुगत रहे सभी सात दोषी तीन दिन में जेल से रिहा हो जाएंगे।

गौर हो कि राजीव गांधी की हत्याकांड में शामिल ये हत्यारे लगभग 23 साल से जेल में बंद हैं। गौर हो कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील की थी। दरअसल, तीनों पुरुष दोषियों की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही उम्रकैद में तब्दील किया था, और यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया था कि वह दोषियों को रिहा करना चाहती है या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीन हत्यारों की मृत्युदंड की सजा उम्रकैद में बदली थी । तीन हत्यारों वी. श्रीहरण ऊर्फ मुरुगन, ए.जी. पेरारिवलन ऊर्फ अरिवु और टी.सुथेंद्रराजा ऊर्फ संथन ने उनकी दया याचिका पर फैसले के लगभग 11 सालों से लंबित पड़े रहने की वजह से उनके मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी। न्यायालय ने इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित हुए महान्यायवादी जी.ई.वाहनवती की दलील को खारिज कर दिया।

राजीव गांधी की हत्या 1991 में हुई थी। उनके हत्यारों को टाडा अदालत ने जनवरी 1998 को दोषी साबित किया था और मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिस पर 11 मई 1999 को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)








First Published: Wednesday, February 19, 2014, 11:03

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