Last Updated: Friday, March 14, 2014, 19:51
पणजी : तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की जमानत याचिका शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय की पीठ ने यहां खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि उसे इस बात का डर है कि आरोपी न्याय से भाग जाएगा और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा।
न्यायमूर्ति उत्कर्ष बाकरे ने यह भी कहा कि जेल की अपनी कोठरी से मोबाइल फोन के जरिए अपने कारोबारी सहयोगियों और मित्रों से बात करना, और उनकी पुत्री का दुष्कर्म पीड़िता के घर जाना, ऐसे दो प्रमुख कारण हैं, जिनके चलते 50 वर्षीय तेजपाल को जमानत नहीं दी जा सकती।
तेजपाल 30 नवंबर को गिरफ्तार किए गए थे, और तब से अबतक वह पुलिस और न्यायिक हिरासत में तीन महीने से अधिक बिता चुके हैं। तेजपाल की एक कनिष्ठ महिला सहयोगी ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोवा में आयोजित थिंकफेस्ट के दौरान उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने आरोप लगाया कि सात और आठ नवंबर को दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया गया। तेजपाल फिलहाल, यहां से 35 किलोमीटर दूर वास्को के साडा उपकारागार में कैद हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 14, 2014, 19:51