Last Updated: Thursday, November 28, 2013, 15:53

पणजी/नयी दिल्ली : तहलका संपादक तरूण तेजपाल ने महिला पत्रकार के कथित यौन उत्पीड़न मामले में जांच कर रही गोवा पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के लिए और समय मांगा है । पुलिस ने उनसे शनिवार को अपराह्न 3 बजे तक पेश होने को कहा था ।
तहलका संपादक के वकील संदीप कपूर ने बताया कि तेजपाल ने गोवा पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि वह उसके समक्ष शनिवार को दोपहर बाद पेश होंगे । पत्र में तहलका संपादक ने कहा कि मैं जांच में गोवा पुलिस के साथ सहयोग करने को तैयार हूं । उनके वकील ने कहा कि तेजपाल किसी राहत के लिए उच्चतम न्यायालय नहीं जाएंगे ।
इससे पहले गोवा पुलिस को अपेक्षा थी कि तेजपाल उसके समक्ष प्रस्तुत होंगे लेकिन बाद में पुलिस महानिदेशक किशन कुमार ने कहा कि उन्हें पुलिस के समन गुरुवार सुबह ही मिले हैं इसलिए उन्होंने कुछ समय मांगा है। पुलिस महानिदेशक ने इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया कि गोवा पुलिस तेजपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करेगी या नहीं।
दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका पर तत्कालिक राहत पाने में विफल रहने वाले तेजपाल को कल गोवा पुलिस ने समन जारी किया और इस मामले की जांच के संदर्भ में पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा। मामले को छिपाने की कोशिश करने की आरोपी शोमा चौधरी ने गुरुवार को तहलका की प्रबंध संपादक के पद से इस्तीफा दे दिया।
तहलका की पत्रकार रह चुकी पीड़िता बुधवार को पणजी पहुंची और उसने एक स्थानीय अदालत के समक्ष आपराधिक दंड संहिता की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया। पीड़िता के साथ कथित रूप से इस माह की शुरुआत में गोवा के पांच सितारा होटल की लिफ्ट में उसका यौन उत्पीड़न हुआ था।
मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कल तेजपाल के उन आरोपों को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि राज्य में भाजपा की सरकार उससे अपना पुराना बैर निकाल रही है क्योंकि उनके संगठन द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन और अन्य मुद्दों के चलते पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण की कुर्सी छिन गई थी। महिला पत्रकार ने सोमवार को तहलका से इस्तीफा दे दिया था।
उच्चतम न्यायालय के परिसर में कपूर के साथ तेजपाल की पत्नी, बेटी और दोस्तों को देखा गया। गोवा पुलिस के सामने पेश होने के लिए दो और दिन की मोहलत मांगने वाली तेजपाल की याचिका काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कल दिल्ली उच्च न्यायालय तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुना सकता है।
तहलका के संपादक ने 20 नवंबर को महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी की बात स्वीकार करते हुए खुद को इस पद और कार्यालय से छह माह के लिए अलग करने की पेशकश की थी। 7 और 8 नवंबर को हुई कथित यौन उत्पीड़न की इन घटनाओं को आंतरिक मामला बताने पर तहलका की प्रबंध संपादक चौधरी और यह पत्रिका निशाने पर आ गई थी। 22 नवंबर को गोवा पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 28, 2013, 13:28