Last Updated: Wednesday, December 11, 2013, 12:26

पणजी: गोवा के एक न्यायालय ने तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को 12 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश बुधवार को दिया। उनकी चार दिवसीय पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त हो जाने पर उन्हें अदालत के सामने पेश किया गया था।
पुलिस ने दलील दी कि तेजपाल उनके खिलाफ प्रमाण प्रस्तुत करने वाली पीड़िता और गवाहों को भयभीत कर सकते हैं और अपने खिलाफ सबूतों को नष्ट कर सकते हैं, लिहाजा उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए और पुलिस की इस दलील पर जिला एवं सत्र न्यायालय ने यह आदेश जारी किया।
तेजपाल 10 दिन की पुलिस हिरासत में रह चुके हैं। महिला सहकर्मी के साथ कथित दुष्कर्म करने के आरोप में उन्हें 30 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (दुष्कर्म) और 376 (2)(के)(पुरुष द्वारा उसके संरक्षण में पद का दुरुपयोग करते हुए किसी महिला के साथ दुष्कर्म) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन पर पिछले सप्ताह धारा 341 (अनुचित अवरोध) और धारा 342 (अनुचित रोक) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। पुलिस पीड़ित पत्रकार, तीन गवाहों और तहलका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी का बयान दर्ज कर चुकी है। सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता अभी तेजपाल को तोड़ने और उनसे अपराध कबूल करवाने में नाकाम रहे हैं। तेजपाल ने कथित रूप से पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को बताया है कि पीड़िता और उनके बीच चीजें सहमति से हुई थीं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 11, 2013, 09:52