तेजपाल को 6 दिन की पुलिस हिरासत, 5 घंटे हुई पूछताछ

तेजपाल को 6 दिन की पुलिस हिरासत, 5 घंटे हुई पूछताछ

तेजपाल को 6 दिन की पुलिस हिरासत, 5 घंटे हुई पूछताछपणजी : महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किये गए तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल को रविवार को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया जिसके बाद अपराध शाख के अधिकारियों ने उनसे पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की।

न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) शमा जोशी ने अभियोजन पक्ष के आग्रह पर तेजपाल को पुलिस की 6 दिन की हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया। अभियोजन पक्ष ने तेजपाल की 14 दिनों की हिरासत की मांग की थी।

अपनी हिरासत में लेने के बाद अपराध शाखा के अधिकारी तेजपाल को डोना पावला स्थित अपने मुख्यालय ले गए और पिछले माह एक होटल में अपनी सहयोगी के कथित यौन उत्पीड़न के सिलसिले में उनसे पूछताछ की।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि तेजपाल के साथ पूछताछ का सिलसिला रात के करीब 8 बजे खत्म हुआ और उन्हें वापस लॉक अप में ले जाया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि तहलका संस्थापक से पूछताछ सोमवार को भी होगी। लोक अभियोजक फ्रांसिस टवेरा ने तेजपाल की पुलिस हिरासत की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह के अपराध में वे शामिल हैं, उसे देखते हुए उन्हें पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की जरूरत है।

तेजपाल के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वह अपराध शाखा के साथ सहयोग कर रहे हैं।

तेजपाल पर इस माह के शुरू में गोवा के एक पांच सितारा होटल में अपनी पत्रिका की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपनी एक महिला सहकर्मी का 7 और 8 नवंबर को दो बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। तेजपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (महिला की मर्यादा भंग करना) और धारा 376 (2) (के) (संरक्षण में बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

तेजपाल को गोवा पुलिस की अपराध शाखा आज दोपहर को अदालत ले कर आई थी। कल उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद रात 9 बजे उन्हें गिरफ्तार किया गया था और जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। उन्हें दोपहर को गोवा की अपराध शाखा ने मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया।

पच्चीस पन्नों के आदेश में जिला और सत्र न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई ने कल कहा था कि पीड़िता के बयान और ईमेल के रूप में दस्तावेज एवं ब्यौरा यहां पेश करने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रथम द्रष्टया ऐसा संकेत मिलता है कि आवेदक जो मार्गदर्शक और पितातुल्य था, उसने न केवल शील भंग करने का कार्य किया बल्कि अपने पद का भी दुरूपयोग किया तथा विश्वासघात किया।

न्यायाधीश ने कहा कि आवेदक न केवल प्रभावशाली व्यक्ति हैं बल्कि प्रथम द्रष्टया रिकार्ड से ऐसा संकेत मिलता है कि उसने पीड़ित के परिवार पर प्रभाव डालने की कोशिश की और उनके साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

तहलका के संपादक ने रात पुलिस के हवालात में तीन लोगों के साथ बिताई जिनमें से दो हत्या के आरोपी हैं। रात 12 बज कर करीब 30 मिनट पर उन्हें आवश्यक चिकित्सकीय जांच के लिए यहां स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज भेजा गया। चिकित्सकीय जांच के बाद 50 वर्षीय तेजपाल जब गोवा मेडिकल कॉलेज से बाहर निकले तो उन्होंने पत्रकारों से बात करने से मना कर दिया। उनके साथ उनके वकील थे।

पुलिस मुख्यालय के बाहर तेजपाल के परिजन खड़े थे। बाद में तहलका के संपादक को हवालात ले जाया गया। उनके परिवार वालों ने उनके लिए एक जोड़ी कपड़े भिजवाए जिसकी अदालत ने अनुमति दी थी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद, चिकित्सकीय जांच के दौरान और हिरासत में तेजपाल शांत रहे। तेजपाल की निगरानी के लिए हवालात के बाहर अपराध शाखा ने अपने गार्ड्स तैनात किए थे।

जिस हवालात में तेजपाल को रखा गया है वह पणजी में पुलिस मुख्यालय के अंदर है और वहां सफाई की अच्छी व्यवस्था नहीं है। इसकी चौकसी पुलिस महानिदेशक कार्यालय के जिम्मे है। सहकर्मी के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप का खुलासा होने के करीब दस दिन बाद तेजपाल को गिरफ्तार किया गया है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 1, 2013, 08:28

comments powered by Disqus