Last Updated: Monday, February 17, 2014, 21:29

नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को विवादास्पद आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित कराने के लिए भाजपा का सहयोग मांगा और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मुख्य विपक्षी दल से इस मुददे पर अपनी चिंताएं बताने को कहा।
सूत्रों ने कहा कि संसद भवन में बैठक के दौरान शिंदे और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश मौजूद थे जहां भाजपा ने सरकार से अपनी पार्टी में स्थिति दुरुस्त रखने और सीमांध्र क्षेत्र की चिंताओं पर गौर करने के लिए कहा। भाजपा ने सरकार को हंगामे के बीच बिना चर्चा के विधेयक पारित नहीं कराने को कहा।
शिंदे और रमेश ने भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। यह बैठक करीब 40 मिनट चली। मंत्रियों ने भाजपा नेताओं से कहा कि विधेयक में कुछ मुददों का समाधान तो पहले से ही मौजूद है और सरकार ने जिन संशोधनों को लाने का प्रस्ताव किया है, वे उन पर भी बात करेंगे।
नायडू ने मंत्रियों से कहा कि हम तेलंगाना के समर्थन में हैं लेकिन सीमांध्र क्षेत्र की चिंताओं पर भी साथ में गौर किया जाना चाहिए और कांग्रेस को अपनी पार्टी में स्थिति दुरूस्त करनी चाहिए। नायडू ने कहा कि विकास के बडे काम हैदराबाद में हुए हैं और निवेश का केन्द्र बिंदु भी वही है। बकौल नायडू उन्होंने कांग्रेस मंत्रियों से कहा कि वे सीमांध्र को पर्याप्त वित्तीय समर्थन मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस से कह दिया है कि वह विधेयक पारित कराने के लिए उचित माहौल तैयार करे।
हमने कांग्रेस से भी कहा है कि वह विधेयक को हंगामे के बीच पारित नहीं कराए। किसी राज्य के बंटवारे और किसी नये राज्य के गठन से पहले भलीभांति चर्चा आवश्यक है। नायडू ने कहा कि विधेयक को जिस ढंग से पेश किया गया और कुछ सदस्यों को जिस तरह निलंबित किया गया, उसे लेकर हमने शिन्दे के सामने विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी विधेयक पर समर्थन मांगा था।
नायडू ने कहा कि तेलंगाना के गठन के लिए हमारी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता लेकिन साथ ही आपको सीमांध्र की चिन्ताओं का भी समाधान करना चाहिए। सीमांध्र के लिए पैकेज की मांग पर जोर देते हुए नायडू ने कहा कि सीमांध्र के पास वेतन, पेंशन और ब्याज की देनदारी पूरी करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अविभाजित आंध्र प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी तेलंगाना में और 40 प्रतिशत आबादी सीमांध्र में रहेगी। ऐसे में परिसंपत्तियों का बंटवारा आबादी के आंकडों पर आधारित होना चाहिए। नायडू ने कहा कि बैठक के दौरान कांग्रेस के मंत्रियों ने भाजपा नेताओं से कहा कि वे प्रस्तावित संशोधन लाएंगे और सभी मुद्दों का हल करने की कोशिश करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 17, 2014, 21:29