Last Updated: Tuesday, February 18, 2014, 21:38

नई दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को विवादास्पद तेलंगाना विधेयक पर विचार और पारित किए जाने के दौरान सदन का नजारा किसी युद्ध के मैदान जैसा लग रहा था जहां कांग्रेसी सदस्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के आसपास सुरक्षा घेरा बना रखा था तो वहीं सरकार के ही कुछ केंद्रीय मंत्री आंध्र प्रदेश के बंटवारे के विरोध में आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक दूसरे के घोर विरोधी माकपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आज परोक्ष रूप से गोरखालैंड की मांग के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के बंटवारे का पुरजोर विरोध किया। यह पहला मौका था जब माकपा सदस्यों ने तेलंगाना के विरोध में आवाज उठायी। हालांकि उनके भाकपा कामरेड विधेयक को पारित कराने के पक्ष में खड़े हुए।
विधेयक पारित कराने में भाजपा द्वारा सरकार का साथ दिए जाने पर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर आज का दिन काला है, कांग्रेस-भाजपा जोड़ा है, आज का दिन काला है, राहुल-मोदी जोड़ा है और सुषमा-सोनिया जोड़ी है, जैसे नारे लगाए। कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रही उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों में से बसपा ने विधेयक का समर्थन किया जबकि सपा उसके विरोध में रही। 13 फरवरी को सदन में विधेयक पेश किए जाने के दौरान हुई मिर्च स्प्रे के छिड़काव जैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कांग्रेसी सदस्यों हारून रशीद, लाल सिंह, भक्त चरण दास, हमदुल्ला सईद, महाबल मिश्रा और अन्य सदस्यों ने सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति के आसपास सुरक्षा घेरा जैसा बनाया हुआ था जहां संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा शिंदे बैठे थे।
हालांकि बाद में राशिद और सिंह तथा कुछ वाम सदस्यों को आसन के समक्ष नारे लगा रहे सांसदों को गले की खराश मिटाने के लिए टाफियां बांटते देखा गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 18, 2014, 21:38