Last Updated: Monday, February 10, 2014, 22:51
नई दिल्ली/हैदराबाद : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने के विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद सरकार मंगलवार को सदन में विधयेक पेश कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रपति के पास भेजे गए आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक-2013 को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मंगलवार को राज्यसभा में विधेयक पेश कर सकते हैं। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अरुण जेटली से मुलाकात कर तेलंगाना विधेयक को सदन में पेश किए जाने पर उनकी पार्टी का सहयोग मांगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कथित तौर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी तथा लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं क्रमश: सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को बुधवार को भोजन पर आमंत्रित किया और उनसे तेलंगाना विधेयक पर समर्थन मांगा। दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार चौथे दिन, सोमवार को तेलंगाना एवं कुछ अन्य मुद्दों पर विवाद के चलते ठप रही। सीमांध्र (रायलसीमा एवं तटवर्ती आंध्र क्षेत्र) के सांसद तेलंगाना गठन मामले पर सरकार का विरोध कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को तेलंगाना विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें राजधानी हैदराबाद सहित 10 जिलों वाले देश के 29वें राज्य तेलंगाना को गठित करने का प्रस्ताव है। आंध्र प्रदेश विधानसभा की दोनों सदनों ने 30 जनवरी को ध्वनिमत से इस विधेयक को खारिज कर दिया था। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत राज्य की सदनों से उनके विचार जानने के लिए यह विधेयक भेजा था। केंद्र सरकार ने हालांकि आंध्र प्रदेश की सदनों द्वारा तेलंगाना विधेयक के विरोध में पारित प्रस्तावों की अनदेखी करते हुए पिछले वर्ष अक्टूबर में पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय पर ही आगे बढ़ने का फैसला किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 10, 2014, 22:51