Last Updated: Tuesday, February 18, 2014, 16:31
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: काफी हंगामे के बाद लोकसभा में तेलंगाना विधेयक मंगलवार को पारित हो गया। लोकसभा ने ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित किया। हैदारबाद हाउस के बाहर तेलंगाना समर्थकों का जश्न शुरू हो गया है।
इसके पहले लोकसभा में तेलंगाना बिल पर आए संशोधनों पर मतदान का सीधा प्रसारण रोक दिया दिया गया। जेडीयू के सभी सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर गए। लोकसभा के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए और उन पर मार्शल तैनात कर दिए गए क्योंकि निलंबित सांसदों के सदन में घुस आने की आशंका थी। चर्चा के दौरान बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने बिल का समर्थन किया। तेलंगाना बिल पर दिनभर खासा हंगामा होता रहा। दिल्ली के विजय चौक पर तेलंगाना समर्थकों का प्रदर्शन जारी है।
इससे पहेल आज केंद्र सरकार ने मंगलवार को विवादास्पद तेलंगाना विधेयक चर्चा और पारित कराने के लिए लोकसभा में पेश किया लेकिन विधेयक का विरोध कर रहे विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार बार स्थगित होने के चलते विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी। तीन बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब चर्चा शुरू हुई । संसद के भीतर और बाहर तेलंगाना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को नजरअंदाज कर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 लोकसभा में पेश किया। हालांकि कुछ केंद्रीय मंत्रियों समेत सीमांध्र के सांसद राज्य के बंटवारे का विरोध करते हुए आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे।
ये सदस्य एकीकृत आंध्र के पक्ष में नारे लगा रहे थे और उनके हाथों में इससे संबंधित पर्चे भी थे। केंद्रीय मंत्री चिरंजीवी, डी पुरंदेश्वरी और के एस राव भी तेलंगाना के विरोध में आसन के समक्ष खड़े थे।
तेलंगाना मुद्दे पर संसद में लंबे समय से चल रहे हंगामे के बीच ऐसा पहली बार हुआ कि माकपा सदस्य भी तेलंगाना के गठन के खिलाफ अन्य सांसदों के साथ आसन के समक्ष आ गए। उनके हाथों में राज्य के बंटवारे का विरोध करते हुए प्लेकार्ड थे। उनकी मांग थी कि विधेयक को बिना बहस के पारित नहीं किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस , तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के 16 सदस्यों को पिछले गुरूवार को इस मुद्दे पर हंगामा किए जाने के कारण 20 फरवरी तक सदन से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस से निष्कासित सदस्य एल राजगोपाल ने पिछले गुरूवार को लोकसभा में सदस्यों की नारेबाजी के बीच मिर्च स्प्रे का छिड़काव कर बड़ी अफरातफरी मचा दी थी। इस विधेयक को 13 फरवरी को भारी हंगामे के बीच पेश किया गया था लेकिन कई राजनीतिक दलों ने इसे पेश हुआ मानने से इनकार कर दिया था।
(एजेंसी इऩपुट के साथ)
First Published: Tuesday, February 18, 2014, 08:38