Last Updated: Wednesday, February 19, 2014, 13:16
हैदराबाद: लोकसभा में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक के पारित होने के साथ ही तेलंगाना राज्य का गठन लगभग तय हो चुका है, लेकिन अभी इस पूरी प्रक्रिया में कई औपचारिकताएं बाकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो महीने के अंत तक दो अलग-अलग राज्य-तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश अस्तित्व में आ जाएंगे।
उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्राध्यापक के.नागेश्वर ने कहा कि चुनावी अधिसूचना के जारी होने से पहले यह प्रक्रिया पूरी होगी। तेलंगाना विधेयक मंगलवार को शोर-शराबे के बीच लोकसभा में पारित हो गया और अब इस पर राज्यसभा में चर्चा होगी। अगर इस पर किसी तरह का संशोधन पारित होता है तो इसको दोबारा लोकसभा भेजा जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह सरकार के लिए अंतिम अवरोध हो सकता है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान संशोधन पेश करने की तैयारी कर ली है। सरकार के पास बुधवार सहित सिर्फ तीन दिन शेष हैं और शुक्रवार को वर्तमान लोकसभा के आखिरी सत्र का समापन हो रहा है।
दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्वीकृति के लिए उनके पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर के बाद विधेयक केंद्रीय राजपत्र में दर्ज हो जाएगा। यह राजपत्र के प्रकाशन के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा।
निर्वाचन आयोग अगले कुछ दिनों में जहां चुनाव की तारीख की घोषणा कर सकती है, वहीं सभी की निगाहें दोनों राज्यों को लेकर सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर होगी। आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव भी इस बीच होने हैं और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव संयुक्त आंध्र प्रदेश के रूप में होंगे या अलग-अलग राज्यों में कराए जाएंगे। 294 सदस्यीय वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल दो जून को समाप्त हो रहा है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 19, 2014, 13:16