Last Updated: Wednesday, October 9, 2013, 10:39
ज़ी मीडिया ब्यूरोहैदराबाद/नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय के खिलाफ आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। उधर तेलगू देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अपने समर्थकों के समेत दिल्ली में आंध्र भवन पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की संयुक्त कार्य समिति और राज्य सरकार के बीच बातचीत विफल रहने के कारण कर्मचारियों की हड़ताल खत्म नहीं हो सकी। इस वजह से राज्य में पिछले तीन दिनों से बिजली गुल है। कई रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं। बिजली नहीं होने से राज्य में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।
आंध्र प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम, आंध्र प्रदेश विद्युत पारेषण निगम, आंध्र प्रदेश दक्षिण विद्युत वितरण कंपनी और आंध्र प्रदेश पूर्वी विद्युत वितरण कंपनी के 30,000 से अधिक कर्मचारियों ने सोमवार से हड़ताल पर है और अलग तेलंगाना राज्य बनाने के लिए आंध्र प्रदेश को बांटने के केंद्र के कदम को तत्काल वापस लेने की मांग की।
हड़ताल के कारण तटीय आंध्र और रायलसीमा जिलों में बिजली गुल हो गई और हैदराबाद शहर में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। हड़ताल से दक्षिणी बिजली ग्रिड पर असर पडने की आशंका है और इससे सभी दक्षिणी राज्यों में अंधेरा छा सकता है। बिजली की कटौती के कारण सबसे ज्यादा असर ट्रेन सेवाओं पर पड़ा है और पूर्वी सीमांत रेलवे को ट्रेनों को या तो निरस्त करना पड़ा है या उनका समय बदलना पड़ा है। बिजली बंद होने से आंध्र में अफरातफरी का माहौल है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। नवजात शिशुओं के इलाज में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
उधर, राज्य में व्यवस्था के पूरी तरह ठप्प पड़ जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात से इनकार किया। वहीं, तेलंगाना पर 10 सदस्यीय मंत्री समूह के गठन के दो दिन बाद सरकार ने आज इस उच्चस्तरीय मंत्री समूह का पुनर्गठन किया। समूह में रक्षा मंत्री एके एंटनी को लाया गया है जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू को हटाया गया है। मंत्री समूह में अब 7 सदस्य होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि आंध्र प्रदेश में अभी राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कोई योजना नहीं है। हिंसा प्रभावित सीमांध्र में प्रदर्शन जारी रहने के बीच केंद्र ने इस संभावना से इंकार किया कि आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने संकेत दिया है कि बिजली कटने की स्थिति यदि गंभीर होती है तो आवश्यक सेवाओं और परिवहन बाधित होने के मद्देनजर एस्मा लगाया जा सकता है।
तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने जहां दिल्ली में आंध्र विभाजन के विरोध में अपना अनशन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रखा, वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी भी हैदराबाद में लगातार पांचवें दिन भूख हड़ताल पर बैठे रहे।
दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने का प्रस्ताव लाने वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नेतृत्वकर्ता पार्टी कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने चंद्रबाबू नायडू और जगन द्वारा तेलंगाना गठित करने का समर्थन करने वाली कांग्रेस को भेजी चिट्ठी मीडिया के सामने पेश की। तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा (सीमांध्र) में छह लाख सरकारी कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लगातार हड़ताल पर बने रहने के कारण राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था जैसे ठप्प पड़ गई और सभी सरकारी स्कूल बंद रहे। राज्य कर्मचारी 12 अगस्त से ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य सरकार की सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित बसें भी लगभग दो महीने से सड़कों पर नहीं उतर सकी हैं। आंध्र विभाजन के प्रस्ताव के खिलाफ सीमांध्र में विरोध प्रदर्शन जारी है। राज्य कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने केंद्र सरकार के कार्यालयों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों, सांसदों एवं विधानसभा सदस्यों तक पहुंच मार्ग को भी अवरुद्ध करने का प्रयास किया, और राज्य को अविभाजित रखने की मांग करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।
First Published: Wednesday, October 9, 2013, 10:22