अरविंद केजरीवाल को पीएम देखना चाहता है आम आदमी: AAP

अरविंद केजरीवाल को पीएम देखना चाहता है आम आदमी: AAP

अरविंद केजरीवाल को पीएम देखना चाहता है आम आदमी: AAPनई दिल्ली : ‘आम आदमी पार्टी’ (AAP) में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर स्पष्टता के अभाव के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा है कि आम आदमी अरविंद केजरीवाल को इस पद पर देखना चाहता है।

राय ने कहा, ‘यह जनता है जो यह (केजरीवाल को प्रधानमंत्री के रूप में)’ देखना चाहती है। अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते हैं, लेकिन आम आदमी ऐसा चाहता है। लोग चाहते हैं कि ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बने जो उनमें से हो।’’ ‘AAP’ ने बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान शुरू किया है। इस पार्टी ने 20 राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राय के अनुसार, पार्टी के सदस्य आज भी वैचारिक रूप से अन्ना हजारे के साथ हैं।

योगेंद्र यादव ने हाल ही में कहा था कि वह केजरीवाल को भारत का प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि यही देश का हर आम आदमी चाहता है। उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी नहीं है कि मेरी अथवा यादव या फिर केजरीवाल की इच्छा देश की इच्छा हो। आम आदमी चाहता है कि भारत को अरविंद केजरीवाल जैसा प्रधानमंत्री मिले। वह लोगों की उम्मीद हैं।’

गोपाल राय पार्टी के सदस्यता अभियान ‘मैं भी आम आदमी’ का प्रभार संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल पांच राज्यों में चुनाव हुए। भाजपा ने चार जगहों पर जीत हासिल की। ‘आप’ ने दिल्ली में 28 सीटें जीतीं और इसका पूरा देश में प्रभाव हुआ।’’ राय ने कहा कि देश के लोग अब महसूस करने लगे हैं कि राजनीति उनके करीब आ रही है और इस नजरिए से यह बड़ा बदलाव है। आप नेता ने कहा कि पार्टी के सदस्य और अन्ना समान विचारधारा साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि संसद में जो लोकपाल विधेयक पारित किया गया उसके लिए यह लड़ाई नहीं लड़ी गई थी। राय ने कहा कि संसद से पारित विधेयक से भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यही वजह है कि अन्नाजी ने जब लोकपाल विधेयक को हां कहा तो हमने सार्वजनिक तौर पर कहा कि इस लोकपाल के लिए जनता नहीं लड़ी थी। हम लोकपाल के लिए अपना प्रयास जारी रखेंगे।’’ रालेगण सिद्दी में पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह के साथ बहस के बाद अन्ना की ओर से उन्हें (राय) गांव से बाहर चले जाने के लिए कहे जाने वाली घटना के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा, ‘‘जहां तक एक घटना की बात है तो हमें यह सोचने पर विवश होना पड़ा कि अन्नाजी जनलोकपाल की बात कर रहे हैं, लेकिन वहां कुछ ऐसे लोग थे जिनके कुछ दलों से अंदरूनी संबंध हैं और वे संपूर्ण आंदोलन को भटकाने का प्रयास कर रहे थे। इसी को लेकर मैंने विरोध किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शायद अन्ना इस बात से परेशान थे कि यह खुला कार्यक्रम था। उन्होंने मुझसे गांव से जाने के लिए कहा। मैंने कहा कि गांव से चला जाउंगा, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ूंगा।’’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 12, 2014, 11:15

comments powered by Disqus