सैन्य तख्तापलट की खबर किसी के इशारे पर आई: वीके सिंह

सैन्य तख्तापलट की खबर किसी के इशारे पर आई: वीके सिंह

मुंबई : पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने जनवरी 2012 में सैन्य तख्तापलट के कथित प्रयास की कहानी को खारिज करते हुए कहा है कि यह कहानी एक ‘बहुत ही उर्वर दिमाग’ की उपज थी तथा यह किसी के इशारे पर रची गई थी। उन्होंने कहा, वह (तख्तापलट का प्रयास) कहानी किसी के इशारे पर रची गई । यदि कुछ खास दायित्वों के लिए कुछ खास इकाइयों की क्षमता को परखने के लिए नियमित हलचल का मतलब (तख्तापलट) के रूप में निकाला जाए तो फिर भगवान ही हमारी रक्षा करे। पूर्व सेना प्रमुख कल शाम यहां साहित्य उत्सव में अपनी आत्मकथा ‘करेज एंड कनविक्शन’ के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या हलचल के दौरान मिसाइलों को रखना जरूरी था, सिंह ने जवाब दिया, स्पष्टत:। आप पूर्ण गोला बारूद के साथ बढ़ते हैं। आपको कैसे पता चलेगा कि उन मिसाइलों को निकालने में कितना समय लगता है। आप सबक कैसे सीखेंगे। सिंह ने कहा, यह एक ऐसी कहानी थी जो बहुत ही उर्वर दिमाग से आई । जब आप आगे बढ़ते हैं तो हर चीज लेकर बढ़ते हैं। सरकार में सशस्त्र बलों से संबंधित फोबिया होने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में
सिंह ने कहा, इस फोबिया या इस भ्रम अनुभूति के बारे में..मैंने किताब में चर्चा की है। वहां इस तरह की सोच है जो 50 या 60 के दशक में थी, और उसे, बीते समय में अन्य समूहों ने सशस्त्र बलों को थोड़ा दूर रखने के लिए इस्तेमाल किया है। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, वे सोचते हैं कि सशस्त्र बलों में वे लोग होते हैं जो केवल देश की सोचते हैं। यही अंतर है। आपने तथा मैंने हमेशा और हर घड़ी यही सोचा है कि देश पहले है।

सिंह ने कहा, हम अपनी जेबों की बात नहीं करते, हम अपनी जेबों की नहीं सोचते। हम देश के बाद परिवार की सोचते हैं। ऐसा दूसरे क्षेत्रों या पेशों में नहीं है। और यही कारण है कि आप वहां भ्रम पाते हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार पर पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, जब आदेश की निर्धारित कड़ी की अनेदखी की जाती है तो परिणाम भुगतने होते हैं । यदि इंदिरा गांधी ने सेना की कमान की अनदेखी नहीं की होती तो हमें 1984 की त्रासदी नहीं देखनी पड़ती।

पूर्व में सेना प्रमुख जनरल (अवकाशप्राप्त) जेजे सिंह पर इस आरोप कि उन्होंने एक ऐसी उत्तराधिकार रेखा तय कर दी थी जिससे वह एक खास तारीख को सेवानिवृत्त हों, ताकि जनरल बिक्रम सिंह उनके उत्तराधिकारी बन सकें, वीके सिंह ने कहा, मैंने कभी ऐसी कोई उत्तराधिकार रेखा तय नहीं की। उन्होंने कहा, सेना कभी उत्तराधिकार रेखा पर नहीं चलती। और जो लोग उत्तराधिकार रेखा की बात करते हैं, वे गलत बात कर रहे हैं । हमारी अपनी कार्य पद्धति है।

वीके सिंह ने कहा, कोई उत्तराधिकार रेखा नहीं है। यह कोई राजशाही नहीं है जहां आप कहें कि कोई खास आदमी नियंत्रण हासिल करेगा। रेवाड़ी में सितंबर में आयोजित एक रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किए जाने के मुद्दे पर सिंह ने कहा, यदि आप किसी के साथ मंच साझा करते हैं तो इससे आप कुछ नहीं बन जाते। मैं आपके साथ मंच साझा कर रहा हूं, तो मैं साहित्यिक आलोचक नहीं बनने जा रहा। यह पूर्व सैनिकों की रैली थी। करेज एंड कनविक्शन में सिंह के बचपन से लेकर सेना प्रमुख के रूप में उनकी सेवानिवृत्ति तक के घटनाक्रम हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 17, 2013, 14:29

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