Last Updated: Tuesday, January 21, 2014, 23:11
जयपुर : जयपुर साहित्य महोत्सव में वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी ने कहा कि भारत के लोग सपने भले ही हिन्दी में देखते हों लेकिन वह लिखना अंग्रेजी में चाहते हैं ।
महोत्सव के अंतिम दिन आज माहेश्वरी ने कहा, ‘‘भारत के लोग सपने भले ही हिन्दी में देखते हों, बोलते हिन्दी हों लेकिन लिखना अंग्रेजी में चाहते हैं । भारत में हिन्दी पाठकों की संख्या अंग्रेजी पाठकों के मुकाबले बहुत कम है ।’’ उन्होंने यह टिप्पणी ‘ज्योग्राफी ऑफ रीडिंग : कॉन्टैक्सटिंग द इंडियन रीडर’ नामक सत्र में की ।
उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दी के लेखकों ने दीर्घावधि में अपने लिए प्रतिबद्ध पाठक अर्जित किए हैं, क्योंकि पुस्तकें और लेखक समय के साथ-साथ स्वयं को स्थापित करते हैं ।’’ अंग्रेजी की स्वीकार्यता की बात कहते हुए वह प्रश्न करती हैं ? ‘‘इसलिए हिन्दी लेखकों के समक्ष चुनौती है । पुस्तकालयों के अलावा बाजार में जगह बनाने के लिए उन्हें स्वयं स्थापित करना होता है । क्या यही प्रतियोगिता हिन्दी में लेखन की अच्छी बात नहीं है ?’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 21, 2014, 23:11