Last Updated: Friday, December 20, 2013, 19:11

नई दिल्ली : भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक का पक्ष लेते हुए शुक्रवार को कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के विचार को हकीकत में बदलने का वक्त आ गया है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने यहां कहा कि यह ऐसा विचार है, जिसे पूरा करने का समय आ गया है। देर-सवेर लोकसभा को इसे पारित करना ही है। उच्च सदन इस विधेयक को 2010 में ही पारित कर चुका है। लेकिन कई क्षेत्रीय दलों के घोर विरोध के चलते इसे अभी तक लोकसभा से मंजूरी नहीं मिल पाई है।
जेटली ने फिक्की के लेडीज आर्गेनाइज़ेशन के एक कार्यक्रम में कहा कि इस विधेयक को लेकर महिलाओं के लिए आरक्षित होने वाले चुनाव क्षेत्रों के बार बार बदलने जैसे कुछ अस्थाई मुद्दे हैं लेकिन ये व्यवहारिक प्रश्न हैं जिनका हल निकाला जा सकता है। महिला आरक्षण विधेयक की जोरदार वकालत करते हुए उन्होंने कहा, हम ऐसी व्यवस्था नहीं बनाए रख सकते जहां आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा विधायिकाओं में केवल 8 से 10 प्रतिशत प्रतिनिधित्व पाए। इस असंतुलन को ठीक करने का एकमात्र रास्ता कानूनी प्रावधान ही हो सकता है।
भाजपा नेता ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण देना जरूरी है, क्योंकि यह वह विशेषाधिकार होगा जो महिलाओं को बराबरी का दर्जा देगा जिन्हें हमारी राजनीतिक व्यवस्था बराबर नहीं मानती। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे कुछ राज्यों में नगर पालिका और पंचायत स्तर पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना आम तौर पर सफल प्रयोग साबित हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी प्रधानमंत्री को इस पद पर आसीन रहने के वर्ष के हिसाब से नहीं आंकना चाहिए बल्कि जनता को उसने क्या दिशा दी इससे आंकना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 20, 2013, 19:11