Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 13:34
कोलकाता: एक प्रशिक्षु वकील का यौन उत्पीड़न करने के मामले में दोषी करार दिए गए न्यायाधीश (सेवानिवृत) ए.के. गांगुली पर दबाव बढ़ाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने गांगुली को नैतिक आधार पर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटने के लिए कहा।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पी.सतशिवम को उन्होंने जो लिखा है, वह उनका काम है।यह हमारी राजनैतिक मांग नहीं है बल्कि यह शिष्टाचार और न्याय की मांग है कि उन्हें नैतिक आधार पर इस पद को छोड़ना चाहिए। रॉय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दो पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ ‘तत्काल उचित कार्रवाई’ करने की मांग की है और राष्ट्रपति ने ऐसे कदमों की शुरूआत भी की है।
यह मामला गृहमंत्रालय को सौंप दिया गया था और मंत्रालय ने इसे विधि मंत्रालय को सौंप दिया। अटॉर्नी जनरल ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है। रॉय ने कहा कि अब उन्हें (गांगुली) खुद इस पूरी प्रक्रिया में अपना बचाव करने दें। भारत के प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित तीन न्यायाधीशों के पैनल को सौंपे गए अपने शपथपत्र में प्रशिक्षु वकील ने गांगुली के उस कथित व्यवहार का वर्णन किया है, जो उन्होंने उसके साथ पिछले साल 24 दिसंबर को नई दिल्ली के होटल में किया था। इस समय वह गांगुली के काम में उनकी मदद करने गई थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 13:34