Last Updated: Wednesday, November 13, 2013, 00:09
चेन्नई : श्रीलंका में आगामी चोगम सम्मेलन में हिस्सा लेने के भारत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए तमिलनाडु विधानसभा ने मंगलवार को अपने आपात सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सम्मेलन का पूरी तरह बहिष्कार करने की मांग की गई। कांग्रेस और दो अन्य पार्टियां मतदान से दूर रहीं।
यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री जे जयललिता ने विधानसभा में रखा जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। हालांकि, मतदान के दौरान कांग्रेस, पुथिया तमिझगम और माकपा के सदस्य उपस्थित नहीं थे जबकि पीएमके ने सत्र का बहिष्कार किया।
यह सत्र केंद्र द्वारा राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के भेजने के केंद्र के फैसले के मद्देनजर बुलाया गया।
इस बार सदन में 24 अक्तूबर की तरह सर्वसम्मति नहीं देखने को मिली। 24 अक्तूबर को भी विधानसभा ने इसी तरह का प्रस्ताव पारित करते हुए श्रीलंका में तमिलों के नरसंहार और तमिलों को समान अधिकार देने में वहां की सरकार की विफलता के विरोध में भारत से शिखर सम्मेलन का पूर्ण बहिष्कार करने की मांग की थी।
जहां कांग्रेस ने तमिलों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के केंद्र के फैसले का बचाव किया, वहीं माकपा का रूख था कि अलग प्रस्ताव की जरूरत नहीं है क्योंकि पिछला प्रस्ताव पर्याप्त था।
आज का प्रस्ताव चोगम की 15 नवंबर को बैठक शुरू होने से पहले कल होने वाली विदेश मंत्री स्तर की बैठक की पूर्व संध्या पर आया है। इस प्रस्ताव में अनुरोध किया गया है कि खुर्शीद के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल बैठक से दूर रहे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 13, 2013, 00:09