Last Updated: Tuesday, February 18, 2014, 23:53
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बहू को लात मारना भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत क्रूरता का अपराध है और ऐसी स्थिति में ससुराल वालों पर मुकदमा चलाया जाएगा। देश की सबसे बड़ी अदालत का यह फैसला खासा महत्वपूर्ण क्योंकि पहले इस मुद्दे पर आए एक फैसले को लेकर विवाद खड़ा गया हो गया था। उस फैसले में ताजा सुनवाई के संदर्भ में अपने ही फैसले को न्यायालय ने पलट दिया था।
राष्ट्रीय महिला आयोग की दायर सुधार याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने उस मामले में ताजा सुनवाई के फैसले को बहाल कर दिया जिसमें 2009 में एक निजी अदालत की ओर से आरोपी सास-ससुर को सम्मन करने के आदेश को पलटा गया था। सास पर अपनी बहू को लात मारने का आरोप था। मामले की फिर से सुनवाई करने के बाद प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने क्रूरता के लिए सुनवाई को हरी झंडी दे दी। पहले इसे खारिज किया था।
पिछले साल 14 मार्च को उच्चतम न्यायालसय ने इस मुद्दे पर अपने ही एक पुराने आदेश को पलट दिया था और ताजा सुनवाई का फैसला किया था। यह मुद्दा इस बात को लेकर था कि बहू को लात मारना 498ए के तहत क्रूरता का अपराध है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 18, 2014, 23:53