Last Updated: Monday, November 4, 2013, 23:22

अहमदाबाद : जनमत सर्वेक्षण पर प्रतिबंध लगाने का पक्ष लेने के कांग्रेस के रुख को ‘बचकाना’ करार देते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने लोगों से अलोकतांत्रिक कांग्रेस को न केवल जनमत सर्वेक्षण में बल्कि मतदान केंद्र पर भी खारिज करने की अपील की है।
मोदी ने सोमवार को अपने ब्लाग ‘टुडे ओपिनियन पोल्स, व्हाट नेक्ट’ में लिखा, ‘‘ अगर आप मुझसे पूछे, तो इसका समाधान काफी सरल है। कांग्रेस के ऐसे निरंकुश और विध्वसंकारी हथकंडों से निपटने की बजाए, अच्छा यह होगा कि हम अलोकतांत्रिक कांग्रेस को न केवल जनमत सर्वेक्षण में बल्कि मतदान केंद्र पर भी खारिज करें जहां यह अधिक मायने रखता है।’’
कांग्रेस ने पिछले सप्ताह चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव के दौरान जनमत सर्वेक्षण के प्रकाशन एवं प्रसारण पर रोक लगाने की बात कही थी और इन्हें त्रुटिपूर्ण, विश्वसनीयता की कमी और निहित स्वार्थ से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया करार दिया था।
मोदी ने लिखा, ‘‘स्वतंत्रता के बाद जिन लोगों ने भारतीय राजनीति और कांग्रेस पार्टी के कामकाज को देखा होगा, वे सहमत होंगे कि उनके लिए कांग्रेस पार्टी का रुख आश्चर्य भरा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सत्ता में होने पर कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी समस्या उसका अहंकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकारों को कुचलने की प्रवृति है।’’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जैसा हम सुनना चाहते हैं, वैसा रायशुमारी में सामने नहीं आ रहा है, केवल इसलिए इस तरह का चरम कदम उठाना पूरी तरह से बचकाना है।
उन्होंने लिखा, ‘‘ मेरी चिंता केवल रायशुमारी पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव तक ही सीमित नहीं है। कल कांग्रेस चुनाव के समय इसी आधार पर लेख, संपादकीय, ब्लाग लिखने पर रोक लगाने की मांग कर सकती है। अगर वे चुनाव हार गए तब वे चुनाव आयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर सकते हैं।’’
मोदी ने लिखा, ‘‘अगर अदालतें उसका (कांग्रेस) समर्थन नहीं करती हैं तब वह कह सकती है कि अदालतों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया जाए। इस पार्टी ने अदालत के असहज फैसले के जवाब में आपातकाल लगाया था।’’ रायशुमारी के बारे में उन्होंने लिखा कि उनका किसी विशेष से कोई लगाव नहीं है।
मोदी ने अपने ब्लाग में लिखा, ‘‘वास्तव में मैं इनकी सीमाओं से अवगत हूं। हमारे जानकार चुनाव विश्लेषकों ने अनुमान व्यक्त किया कि साल 2002 में गुजरात में कैसे भाजपा के खिलाफ मतदान होगा, इसके बाद 2007 और फिर 2012 में ऐसे बड़े विश्वास से पेश किये गए रायशुमारी को लोगों ने गलत साबित किया था।’’
महाभारत के भीष्म और अर्थशास्त्र के कौटिल्य का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ हमें बताया गया है कि जनमत का ध्यान रखना सरकार के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है। ऐसी सरकार को जो जनमत से इंकार की मुद्रा में हो, उसे सत्ता से उखाड़ फेंका जाना चाहिए।’’
रायशुमारी पर मोदी ने लिखा कि इनका मिलाजुला रिकार्ड रहा है। ‘‘ कुछ बार इनका आकलन सही होता है और कुछ बार सही नहीं होता है। राजनीतिक पार्टी के तौर पर हमें तय करना है कि रायशुमारी के संबंध में क्या किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि अगर परिणाम सकारात्मक होते हैं, तब हम बेपरवाह होने या अतिविश्वासी हुए बिना जमीन पर अपना काम जारी रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मोदी ने आगे कहा कि अगर यह सकारात्मक नहीं होगा जब हम संख्या को खारिज करने या सुधारात्मक कदम उठाने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर उनके भाषण और प्रधानमंत्री के भाषण की तुलना करने पर परामर्श जारी करने के लिए भी केंद्र पर निशाना साधा। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 4, 2013, 23:22