Last Updated: Thursday, January 30, 2014, 11:46
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने के 20 साल पुराने मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को आरोपमुक्त करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने गुरुवार को जयललिता के आग्रह को खारिज करते हुए निचली अदालत को उनके खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जयललिता के खिलाफ इस मामले की सुनवाई चार माह के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। यह मामला 1991 से 1994 के बीच आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने का है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शशि एंटरप्राइजेज की साझेदार तीन सालों से क्षमता के अनुरुप आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल न करने पर उन्हें मुकदमा का सामना करना पड़ेगा। न्यामूर्ति के.एस. राधाकृष्णन की पीठ ने निचली अदालत को सुनवाई चार महीने के अंदर पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
जयललिता और शशिकला ने शशि एंटरप्राइजेज की स्थापना की थी, न ही कंपनी और न ही दोनों साझीदारों ने 1991-92, 92-93 और 93-94 में आईटीआर दाखिल नहीं किया है। जयललिता ने कहा था कि कंपनी को तब से कोई आय नहीं हुई है, इसलिए कर से बचने का कोई मतलब नहीं है आईटीआर दाखिल न करना अपराध नहीं है।
हालांकि, चेन्नई की आर्थिक अपराध न्यायालय ने उनकी दलील को खारिज कर दिया, और कहा कि आईटीआर दाखिल न करना अपराध है और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक अपराध न्यायालय की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने इसे स्वीकार लिया और अब जयललिता और शशिकला के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Thursday, January 30, 2014, 11:42