सेना की दो टुकड़ियां 2012 में दिल्ली की तरफ नहीं बढ़ी थी- पूर्व DGMO चौधरी

सेना की दो टुकड़ियां 2012 में दिल्ली की तरफ नहीं बढ़ी थी- पूर्व DGMO चौधरी

सेना की दो टुकड़ियां 2012 में दिल्ली की तरफ नहीं बढ़ी थी- पूर्व DGMO चौधरी ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: तीन सप्‍ताह पहले ही सेना से रिटायर हुए लेफ्ट‍िनेंट जनरल ए.के. चौधरी ने ज़ी न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा है कि वर्ष 2012 में सेना के दिल्ली की तरफ कूच करने की खबर बिल्कुल गलत थी। उन्होंने कहा कि सेना की दो टुकड़ियां वर्ष 2012 में दिल्ली की तरफ नहीं बढ़ी थी। चौधरी ने कहा कि 15-16 जनवरी का बिल्कुल मूवमेंट नॉर्मल था लेकिन कन्फ्यूजन की वजह से सरकार को उस मूवमेंट से चिंता हो गई और ऐसा होना नहीं चाहिए था।

ज़ी न्यूज़ से बातचीत में चौधरी ने कहा कि वह एक रूटीन एक्सरसाइज थी और कन्फ्यूजन की वजह से यह सारी स्थिति पैदा हुई थी। उन्‍होंने कहा कि ततक्लीन रक्षा सचिव शशि कांत शर्मा ने मुझे बुलाकर मामले की पूरी जानकारी ली थी और मैंने जो जानकारी दी थी उससे वह संतुष्ट नजर आए थे।

चौधरी के मुताबिक उन्‍हें तत्‍काल सैन्‍य टुकड़ी वापस भेजने और सरकार को रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा, जो उन्‍होंने अगले ही दिन कर दिया था। सरकार और सेना के अफसर इस खबर को गलत बताते रहे थे। लेकिन अब पहली बार सेना के बड़े अफसर ने इस बारे में बयान दिया है।

चौधरी ने कहा कि `दो लोगों के बीच` बढ़ते अविश्‍वास और दोनों पक्ष की अपरिपक्‍वता के चलते यह भ्रम की स्थिति बनी थी। अगर समुचित संवाद बनाए रखा जाता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। चौधरी ने माना कि अगर यह मालूम होता कि वीके सिंह अपने जन्‍मदिन के मसले पर सरकार के खिलाफ 16 जनवरी, 2012 को ही सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं तो सैनिकों का कूच रोका जा सकता था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)



First Published: Friday, February 21, 2014, 11:14

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