Last Updated: Friday, February 21, 2014, 20:30
हैदराबाद : संसद में तेलंगाना विधेयक पर भाजपा के समर्थन को लेकर नाराजगी जताते हुए तेलुगूदेशम पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों में उसके साथ गठबंधन को लेकर अनिश्चितता जताई है।
क्षेत्रीय दल ने भाजपा के साथ गठजोड़ को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की है लेकिन एक समय गठबंधन सहयोगी रहे दलों के साथ आने की अटकलें चल रहीं थीं और तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और नरेंद्र मोदी के बीच पिछले कुछ महीने से अच्छा तालमेल दिखाई दिया।
तेदेपा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को किसी भी तरह रोकने के लिए भाजपा पर दबाव बना रही थी। पार्टी ने विधेयक की मुखालफत करते हुए इसके पीछे सीमांध्र क्षेत्र के साथ हुए अन्याय का हवाला दिया था। तेदेपा पोलित ब्यूरो के सदस्य यनामाला रामकृष्णेंदु ने कल आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने शेष आंध्र प्रदेश को दिवालिया हालत में छोड़ दिया जिसके लिए भाजपा भी दोषी है। इससे आने वाली पीढ़ियों को भारी नुकसान होगा। भाजपा ने इसे बिना समझे (सीमांध्र के लिए) एक पैकेज पर सहमति जता दी, जो कुछ नहीं बल्कि छलावा है। तेदेपा ने राज्य के विभाजन में कांग्रेस और भाजपा को ‘मुख्य खलनायक’ के तौर पर पेश करने के लिए अभियान चला दिया है।
आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल ने पिछले तीन चार दिन तक तक इस बात का सर्वेक्षण कराया था भाजपा के साथ गठबंधन करना उसके लिए फायदे का सौदा होगा या नहीं। तेदेपा पोलित ब्यूरो के एक सदस्य ने कहा कि सर्वेक्षण का परिणाम नकारात्मक है। सीमांध्र के लोग हमारे गठबंधन को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं। उनका कहना था कि लोकसभा में विधेयक पारित होने वाले दिन एक निजी एजेंसी द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में सीमांध्र में मोदी की लोकप्रियता 19 प्रतिशत गिर गई। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 21, 2014, 20:30