Last Updated: Tuesday, June 3, 2014, 22:11
नई दिल्ली : नई लोकसभा के पहले सत्र की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद में अपनाई जाने वाली समन्वय रणनीति पर चर्चा के लिए आज यहां बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब लोकसभा में भाजपा को अकेले बहुमत प्राप्त है लेकिन राज्यसभा में वह अल्पमत में है।
हाल में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और साथ ही उसके सहयोगी दलों को मिली भारी पराजय के बाद सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली संप्रग समन्वय समिति की यह पहली बैठक थी।
बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह और आईयूएमएल के प्रमुख ई अहमद मौजूद थे। संप्रग 2 सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले और बिहार में लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने वाले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
समन्वय समिति की बैठक में 2014 के लोकसभा चुनाव के परिणामों और साथ ही संसद के आगामी सत्र के दौरान सदन में तालमेल के मुद्दे पर चर्चा की गई। नेताओं ने इस बात पर भी चर्चा की कि संसद में अक्रामक विपक्ष की भूमिका कैसे अदा की जाए। बैठक के बाद एके एंटनी ने बताया कि गठबंधन संसद में और सुगठित होकर काम करना चाहता है। उन्होंने हालांकि इस बारे में विस्तार से बताने से इंकार कर दिया और कहा कि विस्तृत चर्चा आने वाले दिनों में होगी । उन्होंने कहा कि कृपया इंतजार कीजिये और देखिए।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि संप्रग समन्वय समिति की यह पहली बैठक थी। हमने तय किया है कि हमें देश के महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चौकस रहना है। यह शुरुआत थी। उन्होंने कहा कि वे सरकार के सौ दिन के एजेंडे को देखने के बाद प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक सिर्फ यह तय करने के लिए थी कि संसद में तालमेल कैसे रखा जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी बैठकें होंगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 3, 2014, 22:11