नीतीश के पूर्व सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में बने मंत्री

नीतीश के पूर्व सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में बने मंत्री

दिल्ली : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में आज राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। वैशाली के जन्दाहा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने और बिहार विधानसभा में वर्ष 2004 में प्रतिपक्ष के नेता रहे उपेंद्र कुशवाहा बाद में नीतीश से अलग हो गये थे।

बिहार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में असफल प्रयोग के बाद उपेंद्र का नीतीश के साथ बाद के वर्षों में संबंध ठीक हो जाने पर उन्हें जदयू द्वारा 2010 में राज्यसभा भेजा गया लेकिन यह पुनर्मिलन ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाया और अंतत: उन्होंने जदयू छोडते हुए राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन कर नीतीश के खिलाफ आंदोलन छेड दिया।

उपेंद्र के नीतीश विरोधी उत्तेजक भाषणों ने उन्हें राजग में जगह दिलाई और भाजपा ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव बिहार में उनकी पार्टी के साथ तालमेल कर लड़ा। इस चुनाव में उपेंद्र के काराकाट संसदीय सीट से विजयी रहने के साथ उनकी पार्टी ने भाजपा और लोजपा के साथ आपसी तालमेल के साथ बिहार में लड़े अपने हिस्से की सभी तीनों सीटें काराकाट, जहानाबाद और सीतामढ़ी पर जीत हासिल की।

उपेंद्र कुशवाहा को अन्य पिछडी जाति कोईरी को नीतीश से हटाकर भाजपा नीत राजग की तरफ मोड़ने वाले के रूप में जाना जाता है। इस जाति के बिहार में आठ प्रतिशत मतदाता हैं। 26 फरवरी 1960 में वैशाली जिले के जवाज गांव में जन्मे उपेंद्र जन्दाहा स्थित समता कॉलेज में राजनीति शास्त्र के व्याख्याता थे।

उपेंद्र ने पटना साईंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद मुजफ्फरपुर जिला स्थित बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर में प्रवेश लिया।

नरम स्वभाव वाले और एक अच्छे वक्ता के रूप में विख्यात उपेंद्र की अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

(एजेंसी)

First Published: Monday, May 26, 2014, 22:49

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