Last Updated: Monday, February 10, 2014, 17:40
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र की विस्तारित बैठक का लगातार चौथा कामकाजी दिन भी सोमवार को जहां तेलंगाना और अन्य मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ गया तो वहीं संसद में सदस्यों के विरोध प्रदर्शन ने एक अभद्र रूप अख्तियार कर लिया।
हंगामा और विरोध प्रदर्शन का स्तर इस हद तक गिर गया कि कुछ सदस्यों ने सरकारी दस्तावेजों की प्रतियां फाड़ कर आसन की ओर उछाली और राज्यसभा अध्यक्ष के आसन पर लगे माइक्रोफोन तक को छीनने की कोशिश की गई।
तेलंगाना के मुद्दे पर उच्च सदन में माहौल काफी गर्मा गया और कुछ सदस्यों ने पिछले सप्ताह सदन में ‘नियमों के उल्लंघन’ के लिए दस सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र किए जाने पर आपत्ति जतायी जबकि कुछ अन्य सदस्य विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे। राज्यसभा में लगातार चौथे कामकाजी दिन कार्यवाही ठप रही और चार बार के स्थगन के बाद बैठक करीब दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में भी तेलंगाना तथा सांप्रदायिक हिंसा निवारण विधेयक एवं तमिल मछुआरों के समक्ष आ रही समस्याओं के मुद्दे पर विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे और नारेबाजी के कारण कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब सवा 12 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में अन्नाद्रमुक सदस्य वी मैत्रेयन और द्रमुक सदस्य टीएम सेलवागणपति ने सदस्यों के विरोध के बीच सदन के बुलेटिन की प्रतियां फाड़ी।
उधर, संसद के कामकाज के लगातार बाधित होने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा नेताओं को 12 फरवरी को रात्रिभोज पर अमंत्रित किया है, ताकि तेलंगाना विधेयक समेत अन्य भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों को संसद में पारित कराने के संबंध में उनसे समर्थन मांगा जा सके। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने स्वयं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को रविवार रात फोन किया और अपने आवास पर रात्रिभोज पर आमंत्रित किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Monday, February 10, 2014, 17:40