Last Updated: Thursday, February 13, 2014, 19:44
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/गांधीनगर : अमेरिका का गुजरात दंगों के चलते लगे नौ साल से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का बहिष्कार गुरुवार को राजदूत नैंसी पावेल की उनसे मुलाकात के साथ ही खत्म हो गया। हालांकि मोदी और नैंसी की मुलाकात का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अमेरिका ने कहा है कि यह मुलाकात तमाम तरह के भारतीय नेताओं के साथ बढ़ते संपर्क-संवाद का हिस्सा है।
पावेल ने कहा कि उनका देश उस सरकार के साथ निकटता से काम करना चाहता है, जिसे भारत लोकसभा चुनावों के बाद चुनेगा। इस तरह नैंसी ने इस बात का संकेत किया कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो अमेरिका को उनके साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं है।
नैंसी और मोदी के बीच करीब एक घंटे चली बैठक के बाद अमेरिकी राजदूत के हवाले से एक बयान में कहा गया कि अमेरिका और भारत की साझेदारी महत्वपूर्ण और रणनीतिक है तथा अमेरिका उस सरकार के साथ निकटता से काम करना चाहता है जिसे भारत के लोग आगामी चुनावों में चुनेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नैंसी ने गुजरात में शासन के ‘अच्छे मॉडल’ की प्रशंसा की और कहा कि इसे विश्व के अन्य हिस्सों में भी ले जाया जा सकता है।
पिछले 13 साल में यह पहला मौका है जब राजदूत स्तर का कोई अमेरिकी अधिकारी नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने यहां आया। मोदी ने फूलों का गुच्छ भेट कर और हाथ मिलाकर अपने घर में अमेरिकी शिष्टमंडल का स्वागत किया। भारत में अमरीकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने गांधीनगर में मोदी से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि मोदी से मुलाकात के दौरान पॉवेल ने उन कदमों पर चर्चा की जिससे भारत और अमरीका के दि्वपक्षीय संबंधों को मजबूत किया जा सके।
नैंसी पॉवेल ने मोदी से मुलाकात की इच्छा जताई थी। इस पर मोदी ने हामी भर दी थी। गुजरात दंगों को लेकर अमरीका ने मोदी का बहिष्कार किया था। गुजरात में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर अमरीका के स्टेट डिपार्टमेंट ने 2005 में मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था। इस प्रतिबंध के बाद अमरीका के किसी बड़ी अधिकारी की यह हाई प्रोफाइल मुलाकात है।
नैंसी पॉवेल तीन दिवसीय गुजरात के दौरे पर हैं। इस दौरान वे दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में व्याख्यान देंगी। इसके अलावा वे सेवा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगी। उनका सरदार पटेल मेमोरियल में भी जाने का कार्यक्रम है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल नवंबर में किया था।
पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सलाह देने वाले प्रभावशाली समूहों की कई सार्वजनिक बैठकें आयोजित हुईं। इनमें निष्कर्ष निकाला गया था कि आगामी चुनावों में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा फिलहाल जीत की ओर अग्रसर है। मोदी के साथ नैंसी की बैठक से अमेरिका यूरोपीय देशों और ऑस्ट्रेलिया की कतार में शामिल हो जाएगा। इन देशों ने पहले ही मोदी का बहिष्कार खत्म कर दिया है।
भाजपा नेता के साथ अमेरिकी राजदूत की मुलाकात को व्यापक रूप से मोदी के बढ़ते सियासी कद के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच, अमेरिका ने यह साफ किया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में कोई रुख नहीं अपना रहा है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published: Thursday, February 13, 2014, 08:38